महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: इंदापुर में राष्ट्रवादी बनाम राष्ट्रवादी? शरद पवार रोटी बांटेंगे!

भाजपा उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाती है तो क्या हर्षवर्द्धन पाटिल आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे? 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: इंदापुर में राष्ट्रवादी बनाम राष्ट्रवादी? शरद पवार रोटी बांटेंगे!

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विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार की पार्टी एनसीपी के महागठबंधन में शामिल होने से ​भाजपा​ नेता और पूर्व मंत्री हर्षवर्द्धन पाटिल काफी परेशान हैं​|​महागठबंधन में चर्चा के मुताबिक मौजूदा विधायक की सीट उस पार्टी द्वारा खाली की जाएगी​|​​इंदापुर विधायक दत्तात्रेय भरणे ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है​|​परिणामस्वरूप, हर्षवर्द्धन पाटिल की उम्मीदवारी की संभावना कम हो गई है, जिससे यह चर्चा होने लगी है कि वह अब यह पद संभालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अब यह साफ हो गया है कि अगले 4 से 5 दिनों में हर्षवर्धन पाटिल शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल होकर कमान संभाल लेंगे​|​ हर्षवर्द्धन पाटिल ने आज शरद पवार से मुलाकात की है और देखने में आया है कि उनकी बेटी ने राज्य की सत्ता पर शरद पवार की पार्टी का चुनाव चिन्ह रख दिया है​|​​ इससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि शरद पवार इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र में रोटी बांटेंगे​|​

पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि हर्ष वर्धन पाटिल शरद पवार के साथ बिगुल फूंकेंगे, उनका बैनर भी लगाया गया था, जिसके बाद चर्चा होने लगी कि पाटिल क्या फैसला लेंगे, इस बात के संकेत उनकी बेटी ने भी दिए हैं| वहीं, अगर भाजपा उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाती है तो क्या हर्षवर्द्धन पाटिल आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे?

हा​लांकि, पिछले कुछ दिनों से चल रही चर्चाओं पर अब मुहर लग गई है। हर्षवर्द्धन पाटिल ने आज शरद पवार से मुलाकात की है और वह कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी एंट्री का ऐलान करेंगे​|​​वहीं उनकी बेटी अंकिता ने भी अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर एनसीपी शरद चंद्र पवार की पार्टी का सिंबल तुतारी लगाया है, जिससे उनकी एनसीपी में एंट्री तय मानी जा रही है​|​

हर्षवर्द्धन पाटिल का राजनीतिक सफर: 1995 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने|1999 और 2004 के चुनाव में हर्षवर्द्धन पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा|2009 में कांग्रेस के बैनर पर हर्ष वर्धन पाटिल विधायक बने|हर्षवर्द्धन पाटिल 1995 से 2014 तक मंत्री रहे|2014 में विभाजन के कारण हर्ष वर्धन पाटिल को दत्तात्रेय भरणे ने हरा दिया था | गठबंधन से टिकट नहीं मिलने पर 2019 में भाजपा में शामिल हो गए |

नेशनल शुगर एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में हर्षवर्द्धन पाटिल की नियुक्ति हुई|2024 में तुतारी एक बार फिर सत्ता संभालेंगे| क्योंकि उन्हें महायुति से टिकट नहीं मिल रहा है|

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