इरशालवाड़ी घटना ने पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया| भूस्खलन के कारण कई ग्रामीणों की मौत हो गई| इरशालवाड़ी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा| सरकार इरशालवाड़ी के ग्रामीणों के साथ मजबूती से खड़ी है| सरकार ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया और खालपुर चौक के निवासियों के लिए एक सुंदर गांव बनाया। सरकार द्वारा इरशालवाड़ी के ग्रामीणों को भोजन, कपड़े और आश्रय की सभी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली चीजों में सुबह, दोपहर और शाम को 200 लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा सुविधाएं, बच्चों के लिए नर्सरी, खेल का मैदान, 24 घंटे गर्म और ठंडा पानी, शौचालय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि शामिल हैं। इन सब पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं|
इरशालवाड़ी से 144 लोगों को सुरक्षित निकाला गया: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां आश्रय केंद्र का निरीक्षण किया| इस बीच एकनाथ शिंदे ने इरशालवाड़ी के ग्रामीणों से बातचीत की| कुल 144 आपदा पीड़ितों को इरशालवाड़ी त्रासदी से बचे ग्रामीणों के आपातकालीन आश्रय केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वास्तव में क्या हुआ?: रायगढ़ जिले के खालापुर में इरशालवाड़ी 20 जुलाई को रात 11 बजे के बीच भूस्खलन हुआ था। इस घटना में 40 घर प्रभावित हुए थे। भूस्खलन की सूचना कुछ ही घंटों बाद पूरे राज्य में फैल गई| सूचना मिलने के बाद कई नेता मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया| उधर, बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया। एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की मदद से खड्ड में फंसे ग्रामीणों को निकालने की कोशिश की गई|
एनडीआरएफ ने कुछ लोगों की जान बचाई| कुछ लोग की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस दुर्घटना में मरने वालों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने कहा कि अस्थायी आधार पर आवास मुहैया कराया जाएगा|
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