विधानसभा का मानसून सत्र का अंतिम सप्ताह भी समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कल विधानसभा में अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव पर टिप्पणी की| इस दौरान एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के ठाकरे गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा| एकनाथ शिंदे ने कहा, पूरे साल उन्होंने हमारे 50 विधायकों को गद्दार और देशद्रोही कहा, लेकिन इसकी जांच होनी चाहिए| महाराष्ट्र का सबसे महंगा राजदूत कौन है? इसे देखा जाना चाहिए।” साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे ने वह पत्र भी दिखाया जिसमें कहा गया था कि ठाकरे समूह ने 50 करोड़ रुपये की मांग की थी|
एकनाथ शिंदे ने कहा, ”यह नहीं समझना चाहिए कि हम अपेक्षाकृत कम बोलने वाला हूँ| यह हमसे 50 बक्सों का शुल्क लेता है। हर दिन वे हमें कोसते हैं| दूसरी ओर, हमें 50 करोड़ रुपये दो, इसलिए वे एक पत्र भेजते हैं। तो असली मुक्केबाज और गद्दार कौन हैं?” इस दौरान एकनाथ शिंदे ने यह बयान देते हुए विधानसभा में ठाकरे गुट की ओर से भेजा गया पत्र दिखाया, जिसमें लिखा था, ‘हमें 50 करोड़ रुपये दीजिए|‘
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ”जिन लोगों का बाला साहेब ठाकरे के विचारों से कोई लेना-देना नहीं है, वे शिव सेना, शिव सैनिक हैं| उनकी नजर सिर्फ 50 बक्सों पर है|दूसरे लोगों को इस बारे में सोचना चाहिए|” एकनाथ शिंदे के इस बयान पर अब ठाकरे समूह की ओर से प्रतिक्रिया आई है|
विधान परिषद में विपक्ष के नेता और ठाकरे समूह के नेता अंबादास दानवे ने कहा, अगर वह पैसा शिवसेना का है और शिवसेना उसे मांगती है, तो इसमें पाप क्या है? उस के साथ कुछ गलत है? क्या वह पैसा उन्हें (शिंदे समूह को) जा रहा है? वो पैसा हमारी पार्टी का था| यदि यह हमारी पार्टी को दे दिया गया तो हम इसे वापस मांग लें तो इसमें कौन सा पाप है?
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