महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र भेजकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग की है। पटोले ने अपने पत्र में यह भी कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक मौजूदा राज्य सरकार को निरस्त कर दिया जाए।
पटोले ने अपने पत्र में लिखा कि हाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर और तथ्यपूर्ण सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 82 विधानसभा क्षेत्रों के 12 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर प्रक्रियात्मक गड़बड़ियां हुईं, जिससे करोड़ों मतों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए।
पत्र में पटोले ने लिखा,”ये सवाल सिर्फ राहुल गांधी का नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के गांव, कस्बों, शहरों और आदिवासी इलाकों में रहने वाले करोड़ों मतदाताओं की आवाज है। आम जनता पूछ रही है — क्या चुनाव निष्पक्ष हुए? क्या उनके मतों का दुरुपयोग हुआ? और क्या लोकतंत्र के मंदिर में ही लोकतंत्र का अपहरण हुआ?” राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए पटोले ने लिखा,”आप राष्ट्र की सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख हैं। हम आशा करते हैं कि आप संविधान की गरिमा और आम नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाएंगी।”
अभी तक राष्ट्रपति भवन या केंद्र सरकार की ओर से इस पत्र पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं भाजपा खेमे से कांग्रेस के इन आरोपों को लगातार राजनीति से प्रेरित और जनादेश का अपमान बताकर खारिज किया गया है। हाल ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस के सुप्रीम लीडर राहुल गांधी के आरोपों को खंडित करते हुए एक लेख प्रसिद्ध किया था।
भाजपा ने कांग्रेस द्वारा लगातार देश के संस्थानों पर हमलें कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोप लगाए है। वहीं कई बार ऐसे बयानों से कांग्रेस को अपने राजनीतिक आधार खोते हुए भी दिखी है। अब देखना होगा की क्या इन आरोपों से कांग्रेस अपने मतदाताओं को बनाए रख पाती है, या फिर एक बार राजनीतिक आधार को खो देती है।
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