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Friday, November 22, 2024
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महाराष्ट्र ग्राम पंचायत चुनाव: बीजेपी नंबर-1 माविआ पर भारी महायुति

महाराष्ट्र की दो हजार, तीन सौ उनसठ ग्राम पंचायत में से 1864 सीटों के नतीजे आ गए है। बीजेपी ने 602, शिंदे गुट ने 226, ठाकरे गुट ने 103 ,अजित गुट ने 326, शरद पवार गुट ने 163 और कांग्रेस ने 174 सीटों पर जीत दर्ज किया है।

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण हंगामे के दौरान शिंदे सरकार को विपक्ष के नेताओं ने खूब निशाने पर लिया था। इस समय बीजेपी को एक खलनायक के रूप में प्रचारित किया गया। मीडिया भी इसे खूब जोर शोर से प्रसारित करने में लगी थी। वहीं, रविवार को महाराष्ट्र के 2 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में मतदान हुआ था। जिसका नतीजा सोमवार को आया है। इस चुनाव में बीजेपी नंबर एक के पायदान पर है। उसके बाद अन्य राजनीति दल हैं। इतना ही नहीं, बीजेपी समर्थित महायुति ने सबसे अधिक सीटों पर कब्जा जमाया है। जबकि, माविआ महायुति से पिछड़ती नजर आ रही है।

सवाल यह है कि रविवार को विपक्ष के नेता विजय वट्टीवार ने कहा था कि कांग्रेस महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव में अस्सी प्रतिशत सीटों पर अपना परचम लहराएगी। सवाल यह कि जिस तरह से पिछले कुछ माह से माविआ के नेता लोकसभा चुनाव में भारी जीत का दावा कर रहे थे, ग्राम पंचायत चुनाव का नतीजा आने के बाद उनके दावे सच्चाई से कोसो दूर नजर आ रहे हैं।

दरअसल, महाराष्ट्र की दो हजार, तीन सौ उनसठ ग्राम पंचायत में से 1864 सीटों के नतीजे आ गए है। बीजेपी ने 602, शिंदे गुट ने 226, ठाकरे गुट ने 103 ,अजित गुट ने 326, शरद पवार गुट ने 163 और कांग्रेस ने 174 सीटों पर जीत दर्ज किया है। अगर हम बात महायुति की बात करें तो, बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट वाली महायुति ने 1176 ग्राम पंचायत में जीत हासिल की है। वहीं, माविआ यानी महाविकास अघाड़ी की बात करें तो मात्र 443 सीटों पर ही जीत हासिल की है। इस गठबंधन में कांग्रेस, उद्धव गुट और शरद पवार गुट शामिल है। सबसे बड़ी बात यह है कि बीजेपी और शिंदे गुट के साथ जाने पर अजित पवार गुट का यह पहला चुनाव है। जिसमें अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट बड़ी मात दे रहा है।

बारामती में 32 ग्राम पंचायतों के नतीजे सामने आ गए हैं। इनमें से अजित पवार गुट ने 30 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज किया है। बारामती में भी अजित पवार गुट को बड़ी कामयाबी मिली है। जो एक तरह शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अजित पवार गुट इस चुनाव में दूसरे पायदान पर है। महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार अपने आप में एक ब्रांड है। एनसीपी की टूट के बाद से शरद पवार की बारामती के साथ ही अन्य जगहों पर पकड़ कमजोर हुई है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत चुनाव में शरद पवार और अजित पवार गुट की सीधी टक्कर थी।

वहीं, महाराष्ट्र के विदर्भ में चौंकाने वाला परिणाम देखने को मिल रहा है। भंडारा जिले में कांग्रेस को तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति ने बड़ा झटका दिया है। महाराष्ट्र में पहली बार चुनाव लड़ रही, भारत राष्ट्र समिति ने विदर्भ की नौ सीटों पर कब्जा जमाया है। राव की पार्टी ने कांग्रेस विधायक और पार्टी अध्यक्ष नाना पटोले के भंडार जिले में जोरदार प्रदर्शन किया है। जो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। बता दें कि, तेलंगाना में भी इसी माह विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां कांग्रेस जोरशोर से प्रचार कर रही है। राहुल गांधी भी तेलंगाना में प्रचार कर रहे हैं। लेकिन, राहुल गांधी का तेलंगाना में कोई असर नहीं देखा जा रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पहले आये एक सर्वे में दावा किया गया है कि इस बार के भी चुनाव में राव की पार्टी सत्ता में लौट रही है। बताया जा रहा है की राव ने हाल ही में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ में बैठकें की थी।

सबसे बड़ी बात यह है कि, महाराष्ट्र में हाल ही में मराठा आरक्षण की आग ठंडी हुई है। मनोज जागंरे मराठा आरक्षण को लेकर अनशन कर रहे थे। कई स्थानों पर हिंसक घटनाएं भी सामने आई थीं और अजित पवार गुट के एक नेता के घर और गाडी में आग लगा दी गई थी। जिससे शिंदे सरकार पर काफी दबाव था। इतना ही नहीं, विपक्ष लगातार मराठा आरक्षण की आग में  बयानबाजी कर घी डालने का काम कर रहा था। ऐसे में सरकार के खिलाफ जबरदस्त माहौल बनने की बात कही जा रही थी। विधानसभा के विपक्ष के नेता विजय वट्टीवार इसी स्थिति को देखकर रविवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत के चुनाव में कांग्रेस अस्सी प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल करेगी। लेकिन कांग्रेस शिंदे गुट और अजित पावर गुट से भी गई गुजरी साबित हुई है।

ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि “इंडिया गठबंधन” के लिए दम भरने वाली कांग्रेस, उद्धव गुट और शरद पवार गुट क्या लोकसभा चुनाव में हुंकार भर पाएंगे। क्योंकि, ग्राम पंचायत चुनाव एक तरह से बेस होता है। मतदाता अपने विचारों के साथ अपने पार्टी को वोट देता है। हाल ही में मराठा आरक्षण के लिए किये जा रहे आंदोलन की आग महाराष्ट्र के हर गांव तक पहुंच चुकी थी। गांव जिलों में महिलाओं बच्चों की रोते और आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आई थीं। जिसके आधार पर यह माना जा रहा था कि मौजूदा सरकार के खिलाफ माहौल बना हुआ है। अगर अभी कोई चुनाव हुआ तो महायुति को बड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन, ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजे इसके उल्ट आये हैं। जहां महायुति ने सबसे अधिक सीटें जीती हैं, तो माविआ को बड़ा झटका लगा है। साथ बीजेपी भी ग्राम पंचायत के चुनाव सबसे अधिक सीट जीती है। इस परिणाम से यह साबित हो गया कि विपक्ष कुछ भी कहे लेकिन मतदाता बीजेपी और महायुति के पक्ष में खड़े थे.

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