पटोले के बयान पर अजित पवार ने साफ कहा,’​भाजपा​​ से गठबंधन तो एनसीपी भी…​!​’​​​

अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हमेशा इस तरह के बयान देते हैं| कई बार हमें कुछ न कुछ जानकारी भी मिल जाती है। अकारण इस तरह के बयान देने से महा विकास में दरार पैदा हो सकती है।

पटोले के बयान पर अजित पवार ने साफ कहा,’​भाजपा​​ से गठबंधन तो एनसीपी भी…​!​’​​​

On Patole's statement, Ajit Pawar clearly said, "Alliance with BJP and NCP too...!"

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आलोचना की कि गोंदिया एपीएमसी चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करने से एनसीपी भी किसान विरोधी होगी। इसके बाद एनसीपी नेता और राज्य के विपक्ष के नेता अजित पवार ने नाना पटोले के आरोपों और आलोचना का जवाब दिया|​​ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नाना पटोले हमेशा इस तरह के बयान देते हैं।
अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हमेशा इस तरह के बयान देते हैं| कई बार हमें कुछ न कुछ जानकारी भी मिल जाती है।अकारण इस तरह के बयान देने से महा विकास में दरार पैदा हो सकती है।
 
इन चीजों पर लगेगी रोक : नाना पटोले को मीडिया में इन चीजों के बारे में बात करने के बजाय जयंत पाटिल से बात करनी चाहिए। आप उद्धव ठाकरे से बात करो, आदित्य ठाकरे से बात करो। इसका कोई रास्ता निकल सकता है। इसलिए इन चीजों पर रोक लगनी चाहिए। अजित पवार ने अपनी राय रखते हुए कहा कि जब मविअ की बैठक होगी तो मैं वहां ये बातें जरूर रखूंगा|
नहीं हुआ है ऐसा कोई गठबंधन: गोंदिया में एनसीपी-भाजपा​​ गठबंधन पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, ऐसा कोई गठबंधन नहीं हुआ है|​​ सुबह ही लातूर से कुछ कार्यकर्ता आए, उन्होंने कहा कि लातूर तालुका में मवि​​ नहीं पूछा जा रहा है|​​ कांग्रेस उनके आधार पर फैसले लेती है, तो हमें क्या करना चाहिए?
 
क्या हम दूसरों को आगे बढ़ाएंगे?: मैंने लातूर के कार्यकर्ताओं से कहा कि आप जयंत पाटिल की बात सुनिए। साथ ही बाकी लोगों को एक बार हमेशा के लिए फैसला करने दें और उन्हें बताएं कि अगर आप हमें स्वीकार नहीं करते हैं तो हमें अपने बारे में सोचना होगा। अजित पवार ने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस को यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या वे दूसरों को आगे ले जाना चाहते हैं।
 
नाना पटोले ने आख़िर क्या कहा?: नाना पटोले ने कहा कि एनसीपी से गठबंधन की क्या ज़रूरत है| आखिर हम एक सोच के साथ इन चीजों से लड़ रहे हैं। प्रतिदिन किसान विरोधी नीति अपनाने वाली भाजपा के साथ गठबंधन में राकांपा लड़ेगी तो वे भी किसान विरोधी हो जाएंगे।
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