इन रिपोर्टों का स्वर यह है कि भारत समतामूलक और सामूहिक समृद्धि की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। इन रिपोर्टों में दिए गए कुछ आंकड़ों का जिक्र करते हुए, मोदी ने बताया कि ‘एसबीआई रिसर्च’ के अनुसार, एकत्रित आयकर रिटर्न के आधार पर भारित औसत आय वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी, जो 2013 में 4.4 लाख रुपये थी। मोदी द्वारा जारी ‘पोस्ट’ में पद्मनाभन की रिपोर्ट के आयकर रिटर्न (आईटीआर) डेटा के आधार पर विवरण दिया गया है। विभिन्न आय समूहों के कर आधार के विस्तार के परिणामस्वरूप प्रत्येक समूह के लिए आयकर रिटर्न के संग्रह में कम से कम तीन गुना वृद्धि हुई है। 2014 और 2023 के बीच दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के तुलनात्मक अध्ययन से सभी राज्यों में बढ़ी हुई कर भागीदारी की एक आशाजनक तस्वीर सामने आई है।
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश आयकर रिटर्न भरने में अग्रणी है। इसके साथ ही उन्होंने ‘एसबीआई रिसर्च’ की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड जैसे छोटे राज्यों में भी पिछले नौ सालों में इनकम टैक्स रिटर्न में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. मोदी ने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि न केवल नागरिकों की आय बढ़ी है, बल्कि कर भुगतान की दर भी बढ़ी है। इससे पता चलता है कि नागरिकों को अपनी सरकार पर कितना भरोसा है।
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