सोलापुर में फिर गरमाया राजनीतिक माहौल​: उड्डयन और चिमनी दोनों मुद्दे ​पर ​विवाद​ ​​!

​स्थानीय निकायों के साथ ही आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है|बोरामणि कार्गो हवाई अड्डे के निर्माण के रुके हुए मुद्दे को भी लंबे समय तक उपेक्षित किए बिना जल्द से जल्द दूर करने की आवश्यकता है।

सोलापुर में फिर गरमाया राजनीतिक माहौल​: उड्डयन और चिमनी दोनों मुद्दे ​पर ​विवाद​ ​​!

Political atmosphere heated up again in Solapur: Controversy on both aviation and chimney issue!

सोलापुर के उड्डयन और सिद्धेश्वर सहकारी चीनी मिल के परियोजना साहवी में कथित बाधा वाली चिमनी को तोड़े जाने के मुद्दे पर फिर से आंदोलन-प्रति-आंदोलन की तैयारी की जा रही है|​​ उड्डयन के सवाल पर राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्म होने के संकेत हैं।​ ​स्थानीय निकायों के साथ ही आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है|बोरामणि कार्गो हवाई अड्डे के निर्माण के रुके हुए मुद्दे को भी लंबे समय तक उपेक्षित किए बिना जल्द से जल्द दूर करने की आवश्यकता है।

जब पुराने एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने और सिद्धेश्वर शुगर फैक्ट्री के साहवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की चिमनी को बंद करने का सवाल आता है तो ​​बोरामणि इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट की स्थापना का भी सवाल उठता है|इसलिए एयरपोर्ट और हवाई सेवा का मुद्दा अब कभी-कभी आंदोलन-प्रति-आंदोलन के लिए और केवल चर्चाओं और संकेतों के लिए सामने आता है।

शहर के होटगी रोड पर महज 350 एकड़ क्षेत्र में मौजूद पुराने एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर सोलापुर विकास मंच नाम के एक संगठन ने आंदोलन शुरू कर दिया है|​​ इस पुराने हवाईअड्डे से हवाई सेवा के संचालन में बाधक सिद्धेश्वर शुगर फैक्ट्री की 38 मेगावाट की ​​साहवी​ ​उत्पादन परियोजना की चिमनी को गिराने की मांग की जा रही है|चूंकि इस चिमनी का निर्माण भी अवैध है, इसलिए कार्रवाई के लिए मामला सोलापुर नगरपालिका प्रशासन के पास लंबित है।यह सवाल नगर पालिका प्रशासक शीतल तेली-उगले के सामने पहले ही सुना जा चुका है और अब फैसला और आगे की कार्रवाई होनी बाकी है।

​पिछले नवंबर और दिसंबर में जब सोलापुर विकास मंच ने उड्डयन के पक्ष में आंदोलन किया, तो दूसरी ओर सिद्धेश्वर कारखाना बचाव, बोरामणि हवाई अड्डा विकास संघर्ष समिति ने साहवीज़ निर्माण परियोजना की चिमनी को बचाने के लिए जवाबी कार्रवाई की थी। सिद्धेश्वर कारखाने और बोरामणि इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट के रुके हुए निर्माण को जल्द पूरा करने के लिए। इससे पहले सिद्धेश्वर शुगर फैक्ट्री के निदेशक धर्मराज ​​काडादी​ को जानबूझकर ठगने का प्रयास किया गया था। इसके चलते काडादी​ ने एयरलाइन के पक्ष में आंदोलन कर रहे एक प्रमुख कार्यकर्ता को पिस्टल तक दिखा दी।
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