महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम यानी एसटी बसों की बसों पर राज्य सरकार के विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं|राज्य भर में चलने वाली इन एसटी बसों पर शिंदे-फडणवीस सरकार का विज्ञापन दिख रहा है|’फैसले तेज और महाराष्ट्र तेज’ शीर्षक के तहत यह विज्ञापन पूरे राज्य में देखा जा रहा है।
यह विज्ञापन कुछ दिन पहले अलग-अलग टीवी चैनलों पर देखा गया था| विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर इन विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते रहे हैं| एक तरफ विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि राज्य के नागरिकों को सुविधाएं और विकास नहीं मिल रहा है|
जेंव्हा राजकारण मूलभूत मुद्द्यांना वरचढ होतं, संस्थामध्येही राजकारणाचा शिरकाव होतो, तेंव्हा विकास मात्र हरवतो. महाराष्ट्राची जीवनवाहिनी असलेल्या ST महामंडळाची स्थितीही यापेक्षा वेगळी नाही. प्रवाशांना वेगवान सेवा देण्याऐवजी ‘निर्णय गतिमान आणि महाराष्ट्र वेगवान’ अशी केवळ… pic.twitter.com/JcBlp57Fvi
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) July 27, 2023
यह विज्ञापन उन एसटी बसों पर भी चिपकाया गया था जो जर्जर या खस्ताहाल थीं| ऐसी ही कुछ बसों की तस्वीरें हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं| इसे लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना हुई थी| इस बीच विधायक रोहित पवार ने भी एसटी निगम की बसों की दूरी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है|
विधायक रोहित पवार ने एसटी निगम की एक बस का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है| इस वीडियो में देखा जा सकता है कि इस बस की छत आधी गिर रही है| इस वीडियो के साथ कैप्शन में रोहित पवार ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा एसटी का इस्तेमाल केवल विज्ञापन के लिए किया जा रहा है|
रोहित पवार ने कहा है कि जब बुनियादी मुद्दों पर राजनीति हावी हो जाती है तो संस्थाओं में तो राजनीति आ जाती है, लेकिन विकास लुप्त हो जाता है| महाराष्ट्र की जीवन रेखा कही जाने वाली एसटी कॉर्पोरेशन की हालत भी कुछ अलग नहीं है| इस वीडियो से पता चलता है कि यात्रियों को त्वरित सेवाएँ प्रदान करने के बजाय, एसटी बसों का उपयोग इस सरकार द्वारा केवल इस विज्ञापन के लिए किया जा रहा है कि ‘निर्णय तेज़ हैं और महाराष्ट्र तेज़ है’, लेकिन बुनियादी मुद्दों की अनदेखी की जा रही है।
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