पिछले दो दिनों से मुंबई के राजनीतिक गलियारों में दादर के हनुमान मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है, जब से इस संबंध में खुद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामला उठाया है, तब से देखा जा रहा है कि इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है| इस संबंध में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के आरोप-प्रत्यारोप और दावे-प्रतिदावे से इस मंदिर का वास्तव में क्या होगा? इस पर सभी का ध्यान गया|आखिरकार जहां एक ओर मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा है कि मंदिर को नोटिस निलंबित कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मंदिर के नियमितीकरण को लेकर बड़ा बयान दिया है|
वास्तव में क्या है विवाद?: दादर स्टेशन पर पुनर्विकास कार्यों की परियोजना रेलवे प्रशासन द्वारा शुरू की गई है। उसी के एक भाग के रूप में, मध्य रेलवे पर दादर स्टेशन के पूर्व में लगभग 80 वर्ष पुराने हनुमान मंदिर को हटाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए रेलवे की ओर से मंदिर प्रशासन को नोटिस जारी किया गया था| हालांकि, स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनीतिक विरोधियों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। इस नोटिस को लेकर उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्ता पक्ष की कड़े शब्दों में आलोचना की|
नोटिस पर रोक : इस बीच, भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा ने मीडिया को जानकारी दी कि नोटिस का मामला गरमाने के बाद रेलवे ने नोटिस पर रोक लगा दी है| साथ ही लोढ़ा ने कहा कि वह पिछले दो दिनों से रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के संपर्क में हैं और मंदिर से जुड़े दस्तावेजों की जांच के बाद मंदिर को हटाने का फैसला टाल दिया गया है|
देवेन्द्र फडनवीस ने पेश की विस्तृत स्थिति: मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने इन सभी घटनाक्रमों पर विस्तृत स्थिति पेश की है। पुणे में आयोजित पुस्तक महोत्सव में देवेन्द्र फडनवीस मौजूद थे| उस वक्त उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया दी थी|“अदालत ने पहले फैसले दिए हैं और मंदिरों को वर्गीकृत किया है।
पुराने मंदिरों को उस श्रेणी के अनुसार नियमित किया जा सकता है। इसलिए हम रेलवे प्रशासन से बातचीत कर इसका कोई रास्ता जरूर निकालेंगे। हम नियमों के प्रावधानों के अनुसार उस मंदिर को नियमित करेंगे”, इस समय देवेंद्र फडनवीस ने कहा। तो अब ये साफ हो गया है कि दादर का ये मंदिर भी नियमित हो जाएगा|
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