उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। उनका यह भी कहना था कि यह मामला गंभीर है और जो लोग इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं, यह एक दिन की कमाई का मामला है लेकिन वो लोग गलत हैं।
राऊत ने शिवसेना (पार्टी चिन्ह और नाम को लेकर) के पक्ष में फैसला न जाने की बात का जिक्र किया। बोले, “शिवसेना को न्याय न मिलने का कारण अब समझ में आ रहा है। हमारे 40 विधायक छोड़ कर चले गए। साफ हो रहा है कि न्याय व्यवस्था दबाव में है।”
संजय राऊत ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाया। राऊत ने कहा, “भाजपा अपने विरोधियों को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ती है और यह पूरी घटना आत्महत्या से जुड़ी थी, फिर भी भाजपा ने इस मामले को बढ़ाकर अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया।”
राऊत ने औरंगजेब के संदर्भ में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कपूर परिवार से तैमूर के बारे में पूछने का उदाहरण दिया। राऊत का कहना था कि भाजपा और इसके नेता इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, जैसे कि वे तैमूर का इंतजार कर रहे थे। औरंगजेब और तैमूर को लेकर रवैए में फर्क राजनीति में जहर फैलाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
वहीं, राऊत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की सराहना करते हुए कहा, “गडकरी सीधी राजनीति करने वाले नेता हैं और जो उनके मन में होता है, वह उसे बिना किसी डर के बोल देते हैं। गडकरी “जहर फैलाने वाले नेताओं” से अलग हैं और उनकी राजनीति स्वीकार्य है।”
UP: ‘सौरभ हत्याकांड’ मेरठ की जेल में बंद मुस्कान ने मांगा सरकारी वकील!