कॉन्ट्रैक्ट पुलिस को पैसे नहीं देगी मुंबई’, फडणवीस का बेबाक बयान !

उप सभापति डॉ. ने सरकार को इस पर बयान देने का निर्देश दिया​|​नीलम गोरे ने दिया। इस निर्देश के मुताबिक, राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि भर्ती अनुबंध के आधार पर नहीं बल्कि महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के माध्यम से की जाएगी।

कॉन्ट्रैक्ट पुलिस को पैसे नहीं देगी मुंबई’, फडणवीस का बेबाक बयान !

Mumbai will not give money to contract police', Fadnavis's outspoken statement; Said, "To fill the shortage of police..."

मुंबई पुलिस बल में तीन हजार पदों को अनुबंध के आधार पर भरने के सरकार के फैसले का कल (25 जुलाई) विधान परिषद में असर हुआ। इस फैसले पर विपक्षी विधायकों ने सरकार की आलोचना की|आशंका थी कि संविदा भर्ती से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जायेगी|उप सभापति डॉ. ने सरकार को इस पर बयान देने का निर्देश दिया|नीलम गोरे ने दिया। इस निर्देश के मुताबिक, राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि भर्ती अनुबंध के आधार पर नहीं बल्कि महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के माध्यम से की जाएगी।

गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा​ कि महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम से भर्ती किए जाने वाले इन 3,000 कर्मचारियों को केवल सुरक्षा कार्य और गार्ड ड्यूटी दी जाएगी और उन्हें कोई कानून प्रवर्तन कार्य नहीं दिया जाएगा।24 जुलाई, 2023 के निर्णय के तहत महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम से उपलब्ध कराए गए पुलिसकर्मी नियमित पुलिस कांस्टेबल के रूप में ड्यूटी के लिए उपलब्ध होने के बाद अपनी सेवाएं समाप्त कर देंगे।

​फडणवीस ने जोर दिया कि राज्य सरकार के अपने निगम द्वारा उपलब्ध कराये गये जवानों द्वारा सरकारी कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थानों आदि में सुरक्षा को नियमित और उपयोग किया जाने लगा है। इसलिए, ये भर्तियां अनुबंध के आधार पर नहीं की जाती हैं|
​राज्य सरकार ने महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम बनाया था। इस निगम से जिन लोगों की नियुक्ति की जाती है उन्हें हवाई अड्डों, अन्य प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा की ड्यूटी दी जाती है। पिछले तीन साल से पुलिस भर्ती नहीं होने से मुंबई पुलिस को भारी घाटा हुआ | एक समय में कई भर्तियाँ नहीं की जा सकतीं, क्योंकि प्रशिक्षण की इतनी सुविधाएँ नहीं हैं। लेकिन 18 हजार कर रहे हैं| भर्ती पूरी हो चुकी है और अब वे ट्रेनिंग के लिए जाएंगे|
मुंबई जैसे शहरों में 10,000 पुलिसकर्मियों की कमी के साथ शहर को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। इसलिए मुंबई पुलिस को उसी तरह पुलिस दी जाएगी जैसे अन्य संस्थाएं इस निगम से दी जाती हैं, संविदा के आधार पर नहीं|कहीं भी संविदा पद्धति का प्रयोग नहीं किया जायेगा। विधान परिषद में देवेन्द्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि ऐसा करने का कोई विचार नहीं है|
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