मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की चाल तेज, आरक्षण उपसमिति की बैठक सोमवार को!

राज्य में इस समय मराठा आरक्षण का मुद्दा काफी गर्म है। इसलिए राज्य सरकार की गतिविधियां भी तेजी से शुरू हो रही हैं| मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है| इसलिए राज्य सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं| राज्य के मुख्यमंत्री ने वचन दिया कि वे मराठा आरक्षण देंगे| इसके बाद मराठा आरक्षण आंदोलनकारी और उग्र हो गये|

मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की चाल तेज, आरक्षण उपसमिति की बैठक सोमवार को!

State government steps up on Maratha reservation, reservation sub-committee meeting on Monday!

मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार के कदम ने तेजी पकड़ ली है|इसी पृष्ठभूमि में मराठा आरक्षण उपसमिति की बैठक सोमवार सुबह 10 बजे मंत्रालय में होगी|मराठवाड़ा में मराठों को आरक्षण देने के संबंध में नियुक्त समिति द्वारा राज्य सरकार से जानकारी मांगी गई है|उपसमिति को रिपोर्ट देनी होगी कि समिति ने अब तक क्या किया है|राज्य में इस समय मराठा आरक्षण का मुद्दा काफी गर्म है। इसलिए राज्य सरकार की गतिविधियां भी तेजी से शुरू हो रही हैं| मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है| इसलिए राज्य सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं|राज्य के मुख्यमंत्री ने वचन दिया कि वे मराठा आरक्षण देंगे| इसके बाद मराठा आरक्षण आंदोलनकारी और उग्र हो गये|
मनोज जरांगे की सरकार को चेतावनी: कल से आमरण अनशन करना उनके लिए संभव नहीं, मनोज जरांगे ने अपील की है कि बाकी लोग भी पानी पीएं और क्रमिक अनशन करें|मनोज जारांगे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस अनशन के दौरान किसी को कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी|ऐसे में रविवार से प्रदेश में माहौल और गर्म होने के संकेत मिल रहे हैं।
मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे द्वारा राज्य सरकार को दिया गया समय खत्म हो गया है|  इसके बाद जरांगे ने आंदोलन का दूसरा चरण शुरू कर दिया है| उन्होंने जालन्या में अंतरवाली सराती में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और अब उन्होंने चेतावनी दी है कि वे अब भोजन, पानी या यहां तक कि इलाज भी नहीं लेंगे। जिसके बाद इस आंदोलन का कर्ज पूरे प्रदेश में फैलता नजर आ रहा है| इसके तहत उन्होंने प्रदेश भर में आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू करने की अपील की है|
गांवों में शुरू करें अनशन की शृंखला : मनोज जरांगे ने उन लोगों से अपील की है कि जो लोग आमरण अनशन शुरू करने में सक्षम हैं वे पानी पीयें| उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस आंदोलन के दौरान किसी को कुछ भी हुआ तो राज्य सरकार जिम्मेदार होगी|
गांव पर प्रतिबंध का फैसला: इस बीच, हर गांव में किसी भी जन प्रतिनिधि के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है| इसके चलते कई जगहों पर नेताओं की बोलती बंद की जा रही है|  राज्य सरकार के लिए इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना बेहद जरूरी है| इसलिए सोमवार को उप समिति की बैठक बुलाई गयी है| देखना यह होगा कि यह कमेटी इस बैठक में क्या रिपोर्ट पेश करेगी|
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