नांदेड़ और छत्रपति संभाजी नगर के अस्पतालों में हुई मौतों को लेकर राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार की आलोचना की है| तो वहीं सांसद सुप्रिया सुले भी काफी आक्रामक हो गई हैं| संभावित प्रकार को रोकने के लिए सुप्रिया सुले ने बड़ा फैसला लिया है| दवाओं की आपूर्ति को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, पुणे जिला कलेक्टर से भी अनुरोध किया गया है| इस संबंध में सुप्रिया सुले ने एक्स से दो पोस्ट किए हैं|
एक्स पर पहली पोस्ट में सुप्रिया सुले कहती हैं कि राज्य के ठाणे, नांदेड़, छत्रपति संभाजी नगर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं और त्वरित देखभाल की कमी के कारण बड़े पैमाने पर मौतें हुई हैं। ये सभी घटनाएं महाराष्ट्र राज्य के चरित्र के अनुकूल नहीं हैं| ये मौतें सिर्फ सरकार की लापरवाही और लापरवाही के कारण हुई हैं|
स्वास्थ्य सेवा के प्रति वर्तमान सरकार के रवैये को समझते हुए, मैंने बारामती लोकसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का स्वास्थ्य ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत संसदीय क्षेत्र के दौरे पर सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों का दौरा कर समीक्षा करेंगे| साथ ही कलेक्टर पुणे और पुणे जिला परिषद के सीईओ को भी नियमित रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा करनी चाहिए। मरीजों को बेहतर और जागरूक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए यह जरूरी है।
दूसरे पोस्ट में उन्होंने सरकार की आलोचना की है| “ससून, पुणे जिले और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों के लिए एक बहुत ही सुविधाजनक और महत्वपूर्ण अस्पताल, पिछले कुछ महीनों से बड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है।
ससून से दवा खरीदने के लिए हाफकिन संस्था को 6 करोड़ रुपये दिये गये थे, लेकिन अब तक दवाओं की आपूर्ति नहीं की गयी है| इसके अलावा बड़ी संख्या में पद खाली हैं| इससे मरीजों की देखभाल में बाधा उत्पन्न हो रही है| उन्होंने मांग की है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर, पुणे को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस बीच राज्य की स्वास्थ्य सेवा के खस्ताहाल होने पर कई विरोधी प्रतिक्रिया दे रहे हैं| इस मौत के मामले में सरकार की ओर से जांच करायी जायेगी और सरकार ने संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है|
ठाणे में भूख हड़ताल पर राज ठाकरे की पहली प्रतिक्रिया,कहा..!