भारतीय जनता पार्टी ने एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के भाषण का तीन सेकेंड का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। इस वीडियो को लेकर भाजपा और एनसीपी ट्विटर पर भिड़ गए हैं| वीडियो में सुप्रिया सुले कहती हैं, ”और गद्दार महा…महारा…महाराष्ट्र के खून में हैं” भाषण के एक ही हिस्से को दो बार जोड़कर वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया गया है| साथ ही इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है कि सुप्रिया ताई ने यह कहकर महाराष्ट्र का अपमान किया है कि ‘देशद्रोह महाराष्ट्र के खून में है’|
एनसीपी ने भाजपा के ट्वीट का जवाब दिया है| इसमें एनसीपी ने कहा है कि, ‘भाजपा को इस पूरे वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करने की हिम्मत दिखानी चाहिए और इस तरह का आधा कट छह सेकेंड का वीडियो पोस्ट कर लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए| इस तरह के फ्री एडिटिंग ऐप हर दिन बाजार में आ रहे हैं!सुप्रिया सुले ने 5 जून को इंदापुर के बोरतवाड़ी गांव का दौरा किया था| उस समय उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी| इस बार बात करते-करते वह लड़खड़ा गई। भाजपा ने ट्विटर पर छह सेकंड के एक वीडियो में तीन सेकंड का हिस्सा दो बार जोड़कर शेयर किया है।
आखिर क्या कहा सुप्रिया सुले ने?: इसके बाद इस भाषण का पूरा वीडियो एनसीपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है| इसमें सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा ने विश्वासघात करने के लिए प्रत्येक विधायक को 50-50 करोड़ रुपये दिए। 40 विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये यानी 2,000 करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये के लिए विश्वासघात किया। अगर हमारी सरकार नहीं गिरी होती और वो दो हजार करोड़ रुपये इंदापुर में आ जाते तो आपकी जिंदगी कितनी बदल जाती|
सुप्रिया सुले ने कहा, उन्होंने अपनी पत्नी के लिए दो हजार करोड़ रुपये के घर खरीदे, कार खरीदी, गहने खरीदे. लेकिन हमारी सरकार इस पैसे से विकास करती, सड़कें बनाती, अच्छी एसटी को आपकी सेवा में लाती, अच्छे स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र बनाती। 2000 करोड़ की गद्दारी, गद्दारी महा..महारा..महाराष्ट्र के खून में है, और ये हमारा महाराष्ट्र है। एक मराठी आदमी… एक मराठी आदमी वो है जो महाराष्ट्र में रहता है, लेकिन उसने देशद्रोह किया है।
सुप्रिया सुले ने कहा कि इस शिंदे सरकार को बालासाहेब ठाकरे का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है| यह शिंदे सरकार बालासाहेब की मर्जी के खिलाफ बनी है। यशवंतराव चव्हाण का हमारे राज्य में निधन हो गया। वे कहा करते थे कि जब हिमालय को जरूरत होगी तो सह्याद्री उनकी सहायता के लिए आएंगे। जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यशवंतराव को बुलाया, जो पहली बार केंद्र में मंत्री बने। लेकिन वर्तमान सरकार का क्या, वहाँ हिमालय ने आँखें घुमाईं और देखा कि उसकी सह्याद्री डरी हुई है। जब दिल्ली बुलाती है, वह वहां दौड़ता है। उसके स्वाभिमान का क्या हुआ?
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