क्या गौतमी पाटिल और उर्फी जावेद महाराष्ट्र की संस्कृति को विकृत कर रहे हैं? रूपाली चाकणकर से यह सवाल पूछा गया था| ‘गौतमी पाटिल डांस नहीं कर रही हैं, लेकिन इस मामले में राज्य महिला आयोग राज्य महिला आयोग को मिलने वाली शिकायतों पर संज्ञान लेता है और संबंधित व्यक्ति, संबंधित विभाग या संस्था को भेजता है, लेकिन संविधान ने आपको, मुझे, व्यक्ति की स्वतंत्रता, बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार दिया है, इसलिए कोई किसी को नहीं बता सकता कि क्या पहनना है, क्या कहना है, क्या खाना है।
चाकणकर ने आगे कहा, जब संविधान आपको और मुझे मनुष्य के रूप में जीने का अधिकार देता है, तो हम शील और अश्लीलता की परिभाषा परिभाषित नहीं कर सकते। तो अगर आपको कुछ अश्लील लगता है, तो किसी और को यह मामूली लगता है। इसलिए यह परिभाषा समय-समय पर बदलती रहती है।
“लोग कांग्रेस को वोट देना चाहते हैं, लेकिन…”, पूर्व मुख्यमंत्री ने आलाकमान से कहा!