2024 साइड इफेक्ट: ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाया   

वेस्ट बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी टीएमसी के नेता पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया गया है। चटर्जी की वजह से टीएमसी और ममता बनर्जी की हो रही किरकिरी के बाद यह फैसला लिया गया है।ममता बनर्जी पर बीजेपी पूरी तरह से आक्रामक थी। कई अन्य पार्टी के नेताओं ने भी पार्थ चटर्जी का इस्तीफा मांग चुके थे।
बताया जा रहा है कि, ममता बनर्जी ने यह कदम धीरे धीरे इस ओर बढ़ाई हैं। राजनीतिक हलकों में पार्टी और ममता की छवि पर शिक्षा भर्ती घोटाले का असर देखने को मिल रहा था। कहा जा रहा है कि जिस तरह से ममता बनर्जी बीजेपी पर हमलावर थी, अब  वह धार देखने को नहीं मिल रहा थी। इस घोटाले के सामने आने के बाद ममता की छवि भ्रष्टाचारियों को बचाने वाली हो गई थी। जिस तरह ममता 2024 में लोकसभा में होने वाले चुनाव के लिए तैयारी में जुटी थी। लेकिन घोटाले से आगामी चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।
गौरतलब है कि, बंगाल में हुए शिक्षा भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के  दो आवासों पर हुई छापेमारी में अब तक ईडी को 50 करोड़ कैश बरामद किया गया है। वहीं सोना और अन्य सामान भी बरामद किया गया है। बता दें कि, इसी सप्ताह में ईडी ने पार्थ चटर्जी  के आवास पर छापेमारी की थी। जहां एक पर्ची के जरिये ईडी के अधिकारियों को अनुमान था अर्पिता मुखर्जी के कई करोड़ रखे गए हैं। जिसके बाद  ईडी के अधिकारी चटर्जी के आवास पर कार्रवाई की जहां से उन्हें 21 करोड़ रूपये बरामद हुए थे। इसके बाद अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल दोनों अभी ईडी की हिरासत में हैं।
हालांकि ईडी, अपनी जांच जारी रखी थी। इस बीच उसे पता चला कि अर्पिता मुखर्जी के दूसरे आवास पर भी बड़ी मात्रा में नकदी रखी गई है। जिसके बाद बुधवार को ईडी ने एक बार फिर अर्पिता मुखर्जी के आवास पर छापेमारी की जहां ईडी ने 18 घंटे कार्रवाई जहां से करीब 29 करोड़ रूपये कैश और पांच किलो सोना भी बरामद किया है। इसके बाद से चटर्जी की मंत्री पद से हटाने को लेकर पार्टी में ही मांग तेज हो गई। जिसे देखते हुए उन्हें  उद्योग मंत्री पद से हटा दिया गया है। यह निर्णय  ममता बनर्जी के नेतृत्व में  हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बंगाल के चीफ सेक्रेटरी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पार्थ चटर्जी को उन्हें  उद्योग मंत्री के साथ बाकी पदों से भी हटा दिया गया। जिसमें सूचना एवं प्रसारण विभाग व अन्य विभाग शामिल हैं।
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