पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में बाढ़ और बारिश का जिक्र किया। उन्होंने बाढ़ और बारिश से हुई तबाही का जिक्र करते हुए जल संरक्षण और वृक्षारोपण की सलाह दी और कहा कि यही वह उचित समय है जब हमें जल संरक्षण और वृक्षारोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बारिश से आई आपदा से लोगों को काफी तकलीफ हुई। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुई, लेकिन इस दौरान देशवासियों ने सामूहिक प्रयास के ताकत को दिखाया। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ कार्यों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि सर्वजन हिताय की भावना भारत की पहचान के साथ ताकत भी है। बारिश का यह समय वृक्षारोपण और जल संरक्षण के लिए सही समय है। उन्होंने मन की “बात कार्यक्रम में” बताया कि 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाये जाने का काम चल रहा है। देशवासी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण में सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा बारिश का पानी कुओं में जाता है और कुआं से यह पानी जमीन में चला जाता है। इसकी वजह से भू जलस्तर में सुधार होगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 30 करोड़ पेड़ लगाए हैं, एक रेकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि सावन के महीने का आध्यात्मिक और संस्कृति रूप बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में देशभर के 18 चिकरकार पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्र कथाएं बना रहे हैं। जो हमारी परंपराओं और धरोहरों को संजोने का का प्रयास कर रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने अमेरिका दौरे का भी जिक्र किया और कहा कि मै अमेरिकी सरकार का आभारी हूं। जो हमारी बहुमूल्य कलाकृतियों को लौटाया है।
पीएम मोदी हज यात्रा पर कहा कि उन्हें मुस्लिम महिलाओं खत लिखा है जो हज यात्रा कर लौटी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा कई मायनों में ख़ास है। पहले मुस्लिम महिलायें को बिना मेहरम के हज यात्रा करने की इजाजत नहीं थी, लेकिन जब वे जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन पत्रों के मिलने से बहुत सुकून मिलता है। पीएम मोदी सऊदी अरब सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
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