मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए पूरा मराठा समाज सड़कों पर उतर आया है| मनोज जरांगे पाटिल ने विधायकों और सांसदों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है|जरांगे ने विधायकों व सांसदों से अपने हक में आरक्षण की मांग करने की अपील की थी|इसी के तहत मराठा समुदाय के कई नेता मुंबई में प्रवेश कर चुके हैं| इस पर आज मनोज जारंग ने टिप्पणी की है| आज भूख हड़ताल का सातवां दिन है और मुख्यमंत्री ने आज उनसे फोन पर चर्चा की| इस चर्चा से मनोज जरांगे ने अंतरवली सारती में पत्रकारों से बातचीत की|
मनोज जरांगे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फोन पर आरक्षण पर चर्चा हुई| अन्य कोई चर्चा नहीं हुई है| हमने उनसे साफ कह दिया कि हम रिकॉर्ड के मुताबिक आरक्षण लेने को तैयार नहीं हैं| उन्हें उस समिति की पहली रिपोर्ट स्वीकार करनी चाहिए और महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने का निर्णय लेना चाहिए। उसके लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए|
जरांगे ने आगे कहा कि मैंने सभी विधायकों और सांसदों से अपील की थी कि आप सभी मुंबई और वहां अपनी आवाज उठाएं| गरीब लड़कियों के साथ खड़े रहें| कोई मराठा तुम्हें नहीं भूलेगा,लेकिन मांग करते समय उन्हें बताया गया कि महाराष्ट्र टैक्स। विधायक अभी ज्यादातर घर पर नहीं हैं| इनमें से अधिकांश मुंबई चले गये हैं| मराठा समुदाय के लिए काम कर रहे हैं| मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समाज उनके योगदान को नहीं भूलेगा|
मराठा समाज आपको कभी नहीं भूलेगा: “लेकिन, पता नहीं क्यों विधायक-खासदार इस्तीफा दे रहे हैं|मैं इस्तीफा देने के फायदे और नुकसान के बारे में नहीं जानता। लेकिन मैं सभी विधायकों-खासदारों से कहता हूं कि आप मुंबई में ही रहें|बिना आरक्षण के न जाएं|हम यहां से नहीं जा रहे हैं| सभी विधायकों-खासदारों, पूर्व मंत्रियों, नेताओं को एक विशाल समूह बनाना चाहिए|मंत्री और मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री का दरवाजा नहीं छोड़ना है| उनके पैर पकड़ कर उनका पीछा करो| मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार सत्र बुलाए| मनोज जरांगे ने यह भी वादा किया कि वह मराठा समुदाय को कभी नहीं भूलेंगे|
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