भुजबल पर मनोज जरांगे की आलोचना, ‘गैंग मामा घर में ही सोलजा लेगा, चाहे पुराना ही क्यों ना हो…!’
मनोज जरांगे पाटिल बार-बार भुजबल पर आरोप लगा रहे हैं और अब उन्हें तम्बी दे रहे अजित पवार से कहना होगा कि अगर वह चुप नहीं रहेंगे तो मैं भी चुप नहीं रहूंगा|अहमदनगर के शेवगांव में मनोज जरांगे पाटिल की सभा हुई जहां उन्होंने भुजबल की आलोचना की|
Team News Danka
Updated: Fri 24th November 2023, 01:58 PM
जब तक घर में मुकदमे का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक गिरोह शांत नहीं बैठेगा, अब तो मामला पुराना हो गया है, काफी हंगामा चल रहा है।यह कहते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर बिना नाम लिए छगन भुजबल की आलोचना की है|मनोज जरांगे पाटिल बार-बार भुजबल पर आरोप लगा रहे हैं और अब उन्हें तमीज दे रहे अजित पवार से कहना होगा कि अगर वह चुप नहीं रहेंगे तो मैं भी चुप नहीं रहूंगा|अहमदनगर के शेवगांव में मनोज जरांगे पाटिल की सभा हुई जहां उन्होंने भुजबल की आलोचना की|
मैं चुप था लेकिन…: “मैं 20-25 दिनों तक चुप था। मैंने कुछ नहीं कहा|अंबाड की सभा में क्यों बोले? वृद्ध होने के कारण व्यक्ति इसे पचा नहीं पाता है। खाने की आदत हो गई है| मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि महाराष्ट्र सदन ने जनता का सारा पैसा लूट लिया है| बैठक में फैसला लिया गया है कि सभी मंत्रियों को आगाह किया गया है कि सांप्रदायिक तनाव पैदा नहीं होना चाहिए| केवल मनोज जरांगे पाटिल को किसी को भी बाहर नहीं करना चाहिए। जब मैं चुपचाप बैठा था तो उसने बोर्ड फाड़ दिये। तो मैं शांत कैसे बैठ सकता हूँ?
मैं आज अजित पवार से भी कह रहा हूं कि अगर वह चुप नहीं रहेंगे तो मैं भी चुप नहीं बैठूंगा| यही बात मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से कहना चाहता हूं।’ कानून का पालन करना भी उनका काम है. कार्यकर्ताओं से कहो कि वे हमारे बोर्ड तोड़ना बंद करें।” ऐसा जरांगे पाटिल ने कहा|
मुकदमा ठीक नहीं, घर बैठा देंगे: कई लोगों को बुला रखा है। दूसरों को दोष देने का कोई मतलब नहीं है लेकिन मुकदमा अच्छा नहीं है, इससे वह घर बैठ जाएगा। विजय वडेट्टीवार ने पहले दिन कहा कि वह कानून का उल्लंघन करने वालों के पीछे नहीं खड़े होंगे| वह कुछ भी कर ले, उसकी साजिश कामयाब नहीं होगी| वे सामाजिक विद्वेष पैदा करना चाहते हैं|ओबीसी में आम लोगों को लगता है कि अगर सबूत है तो मराठों को आरक्षण दिया जाना चाहिए, हमारे नेताओं को चुप रहना चाहिए| ये कितना खाता है? यह पर्याप्त नहीं है। आप कितना खाते हैं? वह कई दिनों से अकेले ही खाना खा रहा है|
अजित पवार ने छगन भुजबल को तम्बी दे दी है: मैं समझता हूं कि अजित पवार ने उन्हें (छगन भुजबल) तम्बी दे दी है| फिर भी आज मराठा समाज का पोस्टर फाड़ दिया गया| तो अजित पवार ने उन्हें किस तरह की धमकी दी है, चुप बैठने की या पोस्टर फाड़ने की? यह सवाल मनोज जरांगे पाटिल ने अपने भाषण में और बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उठाया|
मराठा समुदाय की ओर से जगह-जगह जरांगे पाटिल के स्वागत के बोर्ड लगाए गए हैं| यह बात सामने आ रही है कि इनमें से कुछ बोर्ड अज्ञात लोगों ने फाड़ दिए हैं। इसलिए जारंग पटल ने नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि यह एक साजिश है| एक तरफ कहा जा रहा है कि अजित पवार ने छगन भुजबल को शांत रहने के लिए तंबू दे दिया है,लेकिन दूसरी ओर हमारे बोर्ड भी फाड़े जा रहे हैं| जरांगे पाटिल ने इस पर संदेह जताते हुए कहा है कि यह मराठा समुदाय में असंतोष फैलाने का एक तरीका है| जरांगे ने कहा कि इसके पीछे की साजिशों की तलाश होनी चाहिए|
मराठा समुदाय से मेरी अपील है कि आगामी 24 दिसंबर तक धैर्य रखें और शांति बनाए रखें।’ यह आपके आंदोलन को कुचलने का एक सचेत प्रयास हो सकता है। जरांगे पाटिल ने अपने भाषण में संकेत दिया कि उन्हें आरक्षण के दायरे में आने दीजिए, फिर उनके पास भी बोर्ड हैं|