मराठा आरक्षण के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल से राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने अंतरवाली सराती में मुलाकात की|मराठा आरक्षण के लिए काम करने वाली समिति के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने खुद मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की|जरांगे पाटिल ने भी फोन किया उन्होंने राज्य सरकार को आरक्षण विवाद सुलझाने के लिए समय देते हुए अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
राज्य सरकार दावा कर रही है कि मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य सरकार को दो महीने यानी 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया है| मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि मैंने राज्य सरकार को 50-55 दिन का समय दिया है| जरांगे पाटिल ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा के दौरान कहा कि मैंने सेवानिवृत्त न्यायाधीश को 24 दिसंबर तक का समय दिया है| लोग असमंजस में हैं क्योंकि राज्य सरकार और मनोज जरांगे पाटिल ने अलग-अलग तारीखें बताई हैं|
इस बीच राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कुछ देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों के बीच भ्रम दूर करने की कोशिश की| उदय सामंत ने कहा, मनोज जारांगे पाटिल बहुत संवेदनशील हैं| इसीलिए उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया| उनके साथ बैठक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मुझे यह लगा कि उन्होंने विरोध किया, फिर उन्होंने अपने मराठा समुदाय के समर्थकों से पूछा और उसके बाद ही उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताई। उन्होंने कहा, हमें सरकार को समय देना होगा| मनोज जारांगे पाटिल ने पूर्व न्यायाधीश को यह भी बताया कि आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए और हम सभी को भी यही बताया। हमने इसे स्वीकार कर लिया|
उदय सामंत ने कहा, गुरुवार से चर्चा चल रही है कि जरांगे पटल ने हमें डेडलाइन दी है| क्या डेडलाइन 24 दिसंबर 2023 या 2 जनवरी 2024 तक है? ऐसा सवाल उठ रहा है| मैं कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार उसी तरह काम करने जा रही है, जैसा मनोज जारांगे ने हमें बताया था|
पूर्व जस्टिस संदीप शिंदे की कमेटी उनके निर्देशानुसार काम करेगी| जारांगे ने कहा है कि जिनके पास कुनबी वंशावली है, उन्हें जाति प्रमाण पत्र देना शुरू कर देना चाहिए| हमने उसके अनुसार काम करना शुरू कर दिया है|’ इन सबके लिए मनोज जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार को दो महीने का समय दिया है|
क्या बोले मनोज जारांगे?: इस बीच,मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए सरकार को 2 जनवरी नहीं बल्कि 24 जनवरी तक का समय दिया गया है|ये फैसला पूर्व जज के सामने लिया गया है|सरकार ने हमसे दो महीने का समय मांगा था|इसलिए 2 जनवरी की तारीख आगे आई होगी,लेकिन, हमने 24 दिसंबर तक का समय दिया है|
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