राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का शुरू से ही यह रुख रहा है कि अन्य समुदायों के आरक्षण को खतरे में डाले बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए। मैं राज्य में डेमोक्रेटिक अलायंस की सरकार में मंत्री था| उस समय राणे समिति की नियुक्ति 2013 से 2014 के आसपास की गई थी। पूरे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के बारे में जाना| राणे समिति की रिपोर्ट के आधार पर उस समय की सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया। लेकिन, हाई कोर्ट में यह टिक नहीं सका|
जब देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार आई तो उन्होंने मराठा समुदाय को भी आरक्षण दिया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी| उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मुद्दों को सामने रखते हुए आरक्षण को खारिज कर दिया था| हम सभी मराठा समुदाय की मांग का समर्थन करते हैं। लेकिन, हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में बरकरार रखा जाए, एनसीपी (अजित दादा समूह) के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुनील तटकरे ने कहा।
किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने की सावधानी: मराठा समाज का आंदोलन जारी है| लोकतंत्र में विरोध करना हर किसी का अधिकार है| जब हम उस सरकार में थे तो हमने आरक्षण पर सकारात्मक रुख अपनाया था| हमारी भूमिका अब भी आरक्षण दिलाने की है| लेकिन, जब समाज की समस्याएं बड़े पैमाने पर उत्पन्न हो रही हों| उस समय उन्होंने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को सलाह दी थी कि बयान देते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे|
अंतर्दलीय कानून के तहत होगी कार्रवाई : विधानसभा अध्यक्ष के यहां दो याचिकाएं दायर की गयी हैं| इनमें से एक याचिका शुरू में जयंतराव पाटिल द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने यह रुख अपनाया कि राज्य मंत्रिमंडल में भाग लेने वाले 9 मंत्रियों के खिलाफ पार्टी के भीतर कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। फिर हमने कानून की कसौटी पर तीनों विधानसभा सदस्यों के खिलाफ अपनी याचिका दायर की। उन्होंने बताया कि फिर से, जयंतराव पाटिल के माध्यम से, एनसीपी के बाकी सदस्यों के खिलाफ आवेदन दायर किए गए।
कुछ लोग रो रहे थे, बहुत परेशानी हो रही थी: जयंत पाटिल का दावा यानी याचिका हमारी हर बात पर अत्याचार करने की कोशिश है और सबसे ज्यादा अत्याचार थाने से हो सकता है| सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कानून की कसौटी पर जो फैसला दिया है, उससे हमें यकीन है कि फैसला कानून की कसौटी पर होगा| ठाणे में कुछ लोग चुनाव आयोग का पेपर फाड़े जाने पर रो रहे थे| बड़ा उपद्रव मचाया| सहानुभूति बटोरने की कोशिश की| नकली आँसू पैदा करने के लिए इस क्षेत्र में कुछ महाकाव्य हैं। उन्होंने जितेंद्र आव्हाड का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा, वे हमेशा भ्रम पैदा करने की कोशिश करते हैं।
45 से अधिक सीटें लाएंगे महागठबंधन : हम राज्य में लोकसभा चुनाव का मुकाबला महागठबंधन के रूप में करेंगे। प्रत्येक राजनीतिक दल को अपनी पार्टी का विस्तार करने का अधिकार है। अगर रवींद्र चव्हाण ने भी ऐसा कुछ किया है तो उस पर आपत्ति जताने में कोई हर्ज नहीं है|राज्य की 45+ सीटें महागठबंधन में लानी है| इसलिए, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और तीनों दलों के नेता सही समय पर सीटों के आवंटन के लिए उचित निर्णय लेंगे। तटकरे ने यह भी कहा कि यह फैसला हम सभी को स्वीकार्य होगा|
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