राज्य में सत्ता परिवर्तन के पहले से मनसे प्रमुख राज ठाकरे और भाजपा के बीच नजदीकियां बढ़ी हुई थी| एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद राज ठाकरे को फोन पर बातचीत के संपर्क भी किये| इसके बाद मनसे के एकमात्र विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव और विश्वासमत के दौरान शिंदे-फडणवीस सरकार के पक्ष में मतदान किया था| स्थनिक स्वराज्य संस्था के चुनाव में शिवसेना और मनसे हमेशा से वे एक-दूसरे के कट्टरविरोधी रहे हैं|
एकनाथ शिंदे की ओर से महाविकास आघाडी सरकार से अलग होने के बाद कोई भी ऐसा दिन नहीं है, जिसमें शिवसेना को जोरदार झटका लगता दिखाई दे रहा है| बीते दिनों में शिवसेना से कई विधायक, सांसद और पदाधिकारी शिवसेना का साथ छोड़ दिए है, जिसके कारण शिवसेना की स्थिति बेहद दयनीय व नाजुक बनी हुई है| इस मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से शिवसेना पर लगातार निशाना साधा जा रहा है|
राज्य में सत्ता परिवर्तन के पहले आदित्य ठाकरे और मनसे नेता के बीच जुबानी जंग भी हुई थी| उसी बीच आदित्य ठाकरे ने मनसे को कहा था कि यह समाप्त हुई पार्टी है| इसके बदले में मनसे नेता ने शिवसेना पर टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है| मनसे नेता शालिनी ठाकरे ने शब्दों के बाण से शिवसेना पर लगातार प्रहार करती दिखाई दे रही हैं| शालिनी ठाकरे ने एक ट्वीट किया है ” रेल इंजिन को भाड़े पर देने का उपदेश देने वाले को, धनुष-बाण को दोपहर के भोजन के लिए भाड़े पर देने का समय आ गया है|”अब देखना यह है की शिवसेना इसका उत्तर देती है या नहीं?
मनसे की ओर से टिप्पणी करते हुए यह कहा गया कि एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद शिवसेना के विधायक एक के बाद एक पार्टी से बाहर हो गए| मनसे नेता अमेय खोपकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि ” शिवसेना के अंतिम विधायक को ऑफर दिया गया था, लेकिन पापा जी चिल्लायेंगे” के कारण वह नहीं आया|
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