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Friday, December 12, 2025
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‘पंजे’ और ‘लालटेन’ के शिकंजे ने बिहार को पलायन का प्रतीक बना दिया था: पीएम मोदी

मेरे बिहारी भाई‑बहन कठिन से कठिन परिस्थिति में काम करके दिखा देते हैं। वो कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करते। लेकिन पंजे और लालटेन वालों ने मिलकर बिहार के स्वाभिमान को बहुत ठेस पहुंचाई है। इन लोगों ने ऐसी लूट‑खसोट मचाई कि गरीबी बिहार का दुर्भाग्य बन गई।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (20 जून) को सीवान में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सहित अरबों रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास‑लोकार्पण करते हुए राष्ट्रीय जनता दल‑कांग्रेस गठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिन दलों ने राज्य पर दशकों तक शासन किया, उन्होंने बिहार की प्रतिभा को पलायन और अभाव का पर्याय बनाने के सिवा कुछ नहीं किया।

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि बीस वर्ष पहले के ‘जंगलराज’ ने शिक्षा‑रोज़गार के मौके छीन लिये थे। उन्होंने जोर देकर कहा, “मेरे इस विश्वास का कारण बिहार के आप सभी लोगों का सामर्थ्य है। आपने मिलकर बिहार से जंगलराज का सफाया किया है। यहां के हमारे नौजवानों ने तो 20 साल पहले के बिहार की बदहाली सिर्फ किस्सों और कथाओं में ही सुनी है। उन्हें अंदाजा ही नहीं है कि जंगलराज वालों ने बिहार की क्या हालत बना दी थी। जिस बिहार ने सदियों तक भारत की प्रगति को नेतृत्व दिया, उसको पंजे और लालटेन के शिकंजे ने पलायन का प्रतीक बना दिया था। बिहार में रहने वाले हर व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी बात होती है उसका स्वाभिमान।”

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि एनडीए‑सरकार ने कानून‑व्यवस्था में सुधार देकर निवेश का वातावरण बनाया है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए जोड़ा, “मेरे बिहारी भाई‑बहन कठिन से कठिन परिस्थिति में काम करके दिखा देते हैं। वो कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करते। लेकिन पंजे और लालटेन वालों ने मिलकर बिहार के स्वाभिमान को बहुत ठेस पहुंचाई है। इन लोगों ने ऐसी लूट‑खसोट मचाई कि गरीबी बिहार का दुर्भाग्य बन गई। अनेक चुनौतियों को पार करते हुए सीएम नीतीश के नेतृत्व में एनडीए सरकार बिहार को विकास की पटरी पर वापस लाई है, और मैं बिहारवासियों को विश्वास दिलाने आया हूं कि हमने भले बहुत कुछ किया हो, करते रहे हैं, करते रहेंगे, लेकिन इतने से शांत होकर रहने वाला मोदी नहीं है। मुझे तो अभी बिहार के लिए और भी बहुत कुछ करना है।”

प्रधानमंत्री ने सीवान की भूमि को स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान निर्माण तक की विरासत का स्मरण कराया। राजेंद्र बाबू और ब्रज किशोर प्रसाद जैसी विभूतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नयी परियोजनाएँ—सड़कें, रेल‑लाइन, सिंचाई और आईटी हब—बिहार को “उज्ज्वल भविष्य की तरफ ले जाएंगी, समृद्ध बिहार बनाएंगी”।

उन्होंने सुरक्षा के सवाल पर भी सख्त रुख दोहराया। प्रधानमंत्री ने मंच से स्पष्ट संदेश दिया कि “जो सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने का प्रयास करेगा, पहले से उसका टिकट रिजर्व कर दिया जाएगा। पहले विकास के नाम पर यह लोग डी कंपनी को पालते थे, यानी दाउद कंपनी। हमारी सरकार ने ऐसे लोगों को जहन्नुम का टिकट दे दिया।”

विदेश यात्रा से लौटने के तुरंत बाद राज्य में आकर प्रधानमंत्री ने बिहार को देश की संभवनाओं के केंद्र में रखा। उन्होंने कहा, “आप सब जानते हैं कि मैं कल ही विदेश से लौटा हूं। इस दौरे में मेरी दुनिया के बड़े‑बड़े समृद्ध देशों के नेताओं से बात हुई। सारे नेता भारत की तेज प्रगति से बहुत प्रभावित हैं। वे भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनते देख रहे हैं। निश्चित तौर पर इसमें बिहार की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। बिहार समृद्ध होगा और देश की समृद्धि में भी बड़ी भूमिका निभाएगा।”

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में बिहार अग्रणी होगा और युवाओं को राज्य से बाहर रोज़गार की तलाश में नहीं जाना पड़ेगा।

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