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Wednesday, November 27, 2024
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Mumbai: धारावी पुनर्विकास पर देवेंद्र फडनवीस का बड़ा बयान!

मुंबई में घर या इमारत बनाने वाले किसी भी बिल्डर या डेवलपर को अडानी या धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राधिकरण से 40% टीडीआर खरीदना होगा।

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महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने धारावी झुग्गी बस्ती पुनर्वास और विकास परियोजना का ठेका अडानी समूह को दे दिया है। इसे लेकर विपक्ष राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है|पुनर्वास एवं विकास नियमों में बदलाव के मुद्दे पर इस समय बहस चल रही है। मुंबई में घर या इमारत बनाने वाले किसी भी बिल्डर या डेवलपर को अडानी या धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राधिकरण से 40% टीडीआर खरीदना होगा।

आरोप लगाया जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो मुंबई में घरों की कीमतें आसमान छू जाएंगी या गौतम अडानी की कंपनी मुंबई में घरों की कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम हो जाएगी। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने इसका जवाब दिया है| फडनवीस ने कहा, ”वह नियम उद्धव ठाकरे की सरकार ने बनाया था| उन्होंने ही टीडीआर का नियम लाया था| उद्धव ठाकरे की कैबिनेट द्वारा बनाए गए नियमों में कोई कैपिंग नहीं थी| इसका मतलब है कि आप रुकेंगे और कीमतें बढ़ाएंगे, जिससे दूसरों के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा। हम इसमें कैपिंग लेकर आये”।

यह भी दावा किया जा रहा है कि घर की कीमतों पर कोई कैपिंग नहीं होगी| इस पर फडनवीस ने कहा, ”घर की कीमतों पर 90 फीसदी कैपिंग है| उससे कीमतें नहीं वसूली जा सकतीं| अगर हमने उद्धव ठाकरे सरकार के फैसले को स्वीकार कर लिया होता तो डेवलपर्स कीमतें 200 फीसदी तक बढ़ा सकते थे|’उन्होंने मूल्य निर्धारण रखा होगा|उनकी सरकार के दौरान टीडीआर एबिलिटी का कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं था, जिसे हमने बनाया।

‘अडानी को कुछ नहीं दिया, सब कुछ सरकार के हाथ में’: देवेंद्र फडनवीस ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं यहां बताना चाहता हूं वह यह है कि हमने अडानी को कुछ नहीं दिया है। हमने इसे डीआरपी (धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राधिकरण) को दे दिया है। यह अधिकार सरकार का है| इसमें सरकार की हिस्सेदारी है| सरकार इस प्राधिकरण को नियंत्रित करती है। हमने अडानी को कुछ भी भुगतान नहीं किया है।’ अडानी प्राइवेट लिमिटेड को कुछ नहीं दिया गया है|

उनकी कंपनी को कुछ भी हस्तांतरित नहीं किया गया है|सब कुछ डीआरपी के अधिकार क्षेत्र में है। डीआरपी हमारे अधिकारी को नियंत्रित करता है। प्राधिकरण का प्रबंधन महाराष्ट्र सरकार में सचिव रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा। सारी शक्तियाँ उस अधिकारी के पास रहेंगी। ये अधिकारी मुंबई के कमिश्नर स्तर के होंगे|

नहीं तो आइए अडानी का कॉन्ट्रैक्ट वापस लें-फडनवीस: फडनवीस ने कहा, ”कोई भी अथॉरिटी, चाहे वह डीआरपी हो, उसे जो भी रेग्युलेट करना है, नियम बनाना है उसे पहले सरकार को भेजना होगा। सरकार की मंजूरी के बाद ही इन्हें लागू किया जाएगा| विपक्ष जो भी आरोप लगाता है कि अब अडानी सब कुछ नियंत्रित कर लेगा, वह झूठा प्रचार है। सरकार को जो करना है वो करेगी| सरकार जो चाहे वही किसानों को करना होगा| यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनका अनुबंध वापस ले लिया जाएगा।”

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