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Saturday, December 6, 2025
होमन्यूज़ अपडेटराष्ट्रीय खेल नीति 2025 को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी!

राष्ट्रीय खेल नीति 2025 को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी!

2036 ओलंपिक की मेजबानी और वैश्विक खेल शक्ति बनने का लक्ष्य

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘राष्ट्रीय खेल नीति 2025’ (National Sports Policy 2025) को मंजूरी दे दी है। इस नीति को ‘खेलो भारत नीति 2025’ भी कहा जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार करना और 2047 तक विश्व की शीर्ष पांच खेल शक्तियों में शामिल करना है।

यह नीति पिछले दो दशकों से प्रभावी 2001 की पुरानी खेल नीति की जगह लेगी और देश के खेल ढांचे में एक बड़ी संरचनात्मक बदलाव लाएगी। राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के तहत सरकार ने पांच प्रमुख उद्देश्य निर्धारित किए हैं, जो भारत को खेलों के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।
पहला उद्देश्य है – खेलों को सामाजिक विकास का एक माध्यम बनाना, ताकि समाज में एकता, स्वास्थ्य और अनुशासन को बढ़ावा मिले।
दूसरा उद्देश्य जनसाधारण को खेलों से जोड़ना है, जिससे हर वर्ग और उम्र के लोग खेल गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें।
तीसरा उद्देश्य है – खेलों को आर्थिक प्रगति के एक साधन के रूप में उपयोग करना, जिसमें खेल पर्यटन, स्टार्टअप्स और स्पोर्ट्स लीग जैसी संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
चौथा प्रमुख लक्ष्य शिक्षा प्रणाली में खेलों का समावेश करना है, जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप क्रियान्वित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
अंततः, पांचवां उद्देश्य भारत को 2036 ओलंपिक की तैयारी के साथ-साथ 2047 तक विश्व की शीर्ष 5 खेल शक्तियों में शामिल करना है। ये पांचों उद्देश्य मिलकर देश में एक समावेशी, स्वास्थ्य-संपन्न और प्रतिस्पर्धात्मक खेल संस्कृति की नींव रखेंगे।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी भारत की प्राथमिकता है। इसके लिए ग्रासरूट स्तर पर प्रतिभा की खोज, कोचिंग की गुणवत्ता, खेल विज्ञान और चिकित्सा, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और खेल संगठनों की जवाबदेही को मजबूत किया जाएगा।

नीति में महिलाओं, आदिवासी समुदायों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही पारंपरिक भारतीय खेलों के पुनर्जीवन और विदेशों में बसे भारतीयों की भागीदारी को भी प्राथमिकता दी गई है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, खेलों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा। शारीरिक शिक्षकों का प्रशिक्षण, एथलीटों के लिए डुअल करियर के अवसर, और स्कूल-कार्यालयों में फिटनेस इंडेक्स जैसे प्रावधान इस नीति का हिस्सा होंगे।

नीति में खेल पर्यटन, नवाचार आधारित स्टार्टअप, नई स्पोर्ट्स लीग, CSR भागीदारी, और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से फंडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।  नेशनल स्पोर्ट्स हेड पियूष राय Orchids The International School ने कहा, “राष्ट्रीय खेल नीति 2025 भारत की खेल विकास रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। इससे न केवल पेशेवर खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, बल्कि हर उस बच्चे को भी अवसर मिलेगा जो खेल में करियर बनाना चाहता है।”

नीति को “संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण” के तहत लागू किया जाएगा, जिसमें निर्धारित समयसीमा, प्रदर्शन संकेतक (KPIs) और टेक्नोलॉजी आधारित ट्रैकिंग सिस्टम शामिल होंगे। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से भी इस नीति को अपनाने की उम्मीद की जा रही है।

राष्ट्रीय खेल नीति 2025 सिर्फ ओलंपिक पदकों की चाहत नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, सशक्त और समावेशी भारत के निर्माण की ओर एक सशक्त कदम है। यह नीति यदि प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो आने वाले वर्षों में भारत की वैश्विक खेल छवि पूरी तरह बदल सकती है।

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