NCP कमिटी ने शरद पवार का इस्तीफा किया नामंजूर, अब आगे क्या ?

पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने प्रस्ताव पेश किया था।

NCP कमिटी ने शरद पवार का इस्तीफा किया नामंजूर, अब आगे क्या ?

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद मुंबई में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक चल रही है। इसमें सुप्रिया सुले, अजित पवार समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए। इस दौरान शरद पवार के इस्तीफे की पेशकश को नामंजूर कर दिया गया है। दरअसल एनसीपी की कोर कमेटी ने शरद पवार से पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने यह प्रस्ताव पेश किया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक में हुए फैसलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। उनके फैसले से सभी हैरान थे। उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए और नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पार्टी नेताओं की एक समिति नियुक्त की। आज हमने समिति की बैठक की। इसमें हमने पवार साहेब से यह अनुरोध किया है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करें।

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मैं और कई नेताओं ने पवार साहब से मुलाकात की और हमने उनसे लगातार अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, क्योंकि इस समय देश और पार्टी को उनकी जरूरत है। न केवल NCP नेताओं, बल्कि अन्य पार्टी के नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का अनुरोध किया। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि देश के नेता शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, जिसे एक मत से नामंजूर किया जाता है और हम उनसे विनती करते हैं कि वे पद पर कायम रहें और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। हमने ये फैसले लिया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र दिवस के दिन अपनी आत्मकथा के विमोचन के दौरान शरद पवार ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का एलान किया था। उन्होंने कहा कि मैं एनसीपी के अध्यक्ष का पद छोड़ रहा हूं, लेकिन सामाजिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। लगातार यात्रा मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा बन गया है। मैं पब्लिक मीटिंग और कार्यक्रमों में शामिल होता रहूंगा।

शरद पवार के एलान के बाद ही पार्टी के नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन करने लगे थे। उन्होंने शरद पवार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की थी। इस दौरान  शरद पवार के समर्थन में धरना दे रहे समर्थकों ने इस दौरान कहा था कि उन्हें किसी को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए और स्वयं उन्हें पार्टी अध्यक्ष की भूमिका में रहना चाहिए। हालांकि कार्यकर्ताओं के भावनाओं की कद्र करते हुए शरद पवार ने कहा कि वह एक या दो दिनों में अपना अंतिम निर्णय लेंगे।

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