नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुए युवाओं के प्रदर्शनों ने मंगलवार(9 सितंबर) को और उग्र रूप ले लिया। दूसरी दिन भी राजधानी काठमांडू घाटी समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने नेताओं और मंत्रियों के आवासों को निशाना बनाया। भीड़ ने कई जगहों पर पथराव किया और संपत्ति में आग भी लगा दी।
सबसे बड़ी घटना ललितपुर में हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ के घर में आग लगा दी। इसी तरह उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल के भैसेपाटी स्थित आवास पर भी पत्थरबाजी हुई।
Nepal protest is getting worse.
House of Nepal's Minister for Communication Prithvi Subba Gurung was burnt down.
Stone pelted on the houses of Finance Minister Bishnu Paudel.
— UP Wale Bhaiya (@upwalebhiya) September 9, 2025
पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखख ने सोमवार (8 सितंबर) को इस्तीफा दिया था, उनके घर पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। वहीं नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर विश्व पौडेल के आवास पर भी पथराव किया गया।
Ramesh Lekhak's (Home Mister who ordered the shotting yesterday) house set on fire. pic.twitter.com/FoNJG1BLzh
— CG (@chandangoopta) September 9, 2025
प्रदर्शनकारी पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेरबहादुर देउबा के बूढानीलकंठ स्थित आवास तक भी पहुंचे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें अंदर घुसने से रोक दिया।
Protestors in Budhanilkantha have set fire on energy Minister Deepak Khadkas house and are moving towards Sher Bahadur deubas house # pic.twitter.com/uQIHmll0uc
— Hypocrite Nepali (@HypocriteNepali) September 9, 2025
सीपीएन (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष और मुख्य विपक्षी नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के खुमलटार स्थित घर पर भी पत्थर फेंके गए।
The residence of former Prime Minister and leader of the Communist Party of Nepal (Maoist Centre), Pushpa Kamal Dahal (Prachanda), was attacked by protesters.
They hurled several incendiary objects (likely molotov cocktails) over the security barrier pic.twitter.com/LPhcKtnPyH
— Imjin (@Asia_Intel) September 9, 2025
स्थानीय संवाददाताओं के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ राजधानी तक ही सीमित न रहते हुए विभिन्न प्रांतों में मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाया। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई थी, लेकिन इसके बावजूद उग्र भीड़ ने कई जगहों पर हमला किया।
सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ पिछले सप्ताह शुरू हुए प्रदर्शनों ने अब पूर्ण राजनीतिक आंदोलन का रूप ले लिया है। Gen Z नेतृत्व वाले इन प्रदर्शनों में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सरकार की नीतियों के खिलाफ भी नाराजगी सामने आ रही है। सोमवार को हुई हिंसक झड़पों में अब तक 19 लोगों की मौत और 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
नेपाल सरकार ने मंगलवार (9 सितंबर) को सोशल मीडिया बैन हटाने का फैसला किया था, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारी फिलहाल पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे।
यह भी पढ़ें:
फ्रांस में गिरी सरकार : बायरो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, मैक्रों पर नई राजनीतिक चुनौती
उपराष्ट्रपति चुनाव : सीपी राधाकृष्णन ने किया जीत का दावा!
स्पेन और इज़रायल के बीच बढ़ा तनाव, इजरायल ने लगाए यात्रा प्रतिबंध!



