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Tuesday, March 25, 2025
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नई दिल्ली: ‘जज यशवंत वर्मा मामला’ भाजपा नेता कहा, दोषी पर हो कार्रवाई!

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच शुरू कर दी है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट, हिमाचल हाई कोर्ट और कर्नाटक के जजों के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है, जो पूरे मामले की जानकारी लेगी। 

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दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में जले हुए नोटों का वीडियो सामने आने के बाद अब सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग गलत काम कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “ये बहुत गंभीर मामला है। जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, उनमें नोटों की गड्डियां जली हुई दिख रही हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि ये मामला गंभीर है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच शुरू कर दी है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट, हिमाचल हाई कोर्ट और कर्नाटक के जजों के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है, जो पूरे मामले की जानकारी लेगी।

इस केस में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह भी पता चला है कि जब हाई कोर्ट के अधिकारी जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पहुंचे थे तो कमरा खाली मिला था। अगर पैसे एक वीडियो में दिख रहे हैं और बाद में वहां से गायब हैं तो सवाल यह उठता है कि उसे किसने हटाया। इस सच्चाई का बाहर आना बहुत जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा, “चीफ जस्टिस संजीव खन्ना समेत अन्य जजों का कॉलेजियम पहले से ही इस मामले को देख रहा है। मुझे लगता है कि सबकी एक ही चिंता है कि सत्य बाहर आए और इस मामले में जो भी कार्रवाई है, वो जल्द से जल्द हो। मैं इतना ही कहूंगा कि सच्चाई का सामने आना जरूरी है।”

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ था। कथित तौर पर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के बंगले से कैश मिलने के आरोपों की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।

इस समिति में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधवालिया, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन शामिल होंगी। इसके अलावा, जस्टिस यशवंत वर्मा को फिलहाल कोई न्यायिक काम नहीं सौंपने का आदेश दिया गया है।

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