प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार(23 मई) को ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर समिट’ के अवसर पर पूर्वोत्तर भारत को देश का डिजिटल गेटवे करार देते हुए क्षेत्र के तेजी से हो रहे विकास और केंद्र सरकार की प्रतिबद्धताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अब सिर्फ भौगोलिक सीमांत नहीं, बल्कि डिजिटल, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से उभरता हुआ केंद्र बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बीते दशक में 21,000 करोड़ रुपए नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सिस्टम पर निवेश किए गए हैं। करीब 850 नए स्कूल, 9 मेडिकल कॉलेज, और 200 स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट स्थापित किए गए हैं। मिजोरम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन का नया परिसर भी बनाया गया है।” उन्होंने इन पहलों को क्षेत्र की युवा शक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को भारत की विविधता का समृद्ध प्रतीक बताते हुए कहा, “भारत आज दुनिया के समक्ष सबसे डायवर्स नेशन के रूप में उभर रहा है, और नॉर्थ ईस्ट इस डायवर्स नेशन का डायवर्स हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि यहां की विविधता — ट्रेड से ट्रेडिशन, टेक्सटाइल से टूरिज्म — न केवल क्षेत्रीय विकास बल्कि राष्ट्रीय समृद्धि का भी आधार है।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को केवल ईंट और सीमेंट तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे इमोशनल कनेक्ट और सामाजिक विकास का माध्यम बनाया है। उन्होंने बताया कि ‘लुक ईस्ट’ से आगे बढ़कर ‘एक्ट ईस्ट’ की नीति अपनाई गई है, जिससे नॉर्थईस्ट न केवल जुड़ा है, बल्कि अग्रसर भी हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने समिट के मंच से कहा, “इस आयोजन में बड़ी संख्या में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि अब पूर्वोत्तर भारत निवेश के नए केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव के बाद, यह निवेश महोत्सव क्षेत्र के विकास की दिशा में अगला कदम है।
विकसित भारत की संकल्पना पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाना है, और इसमें पूर्वोत्तर की भूमिका निर्णायक होगी।” उन्होंने ‘ईस्ट’ शब्द को परिभाषित करते हुए कहा — “EAST मतलब Empower, Act, Strength, Transform।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक समय था जब नॉर्थ ईस्ट को केवल फ्रंटियर रिजन माना जाता था, आज वह ग्रोथ का फ्रंट रनर बन गया है।” उन्होंने ज़ोर दिया कि पिछले 11 वर्षों में क्षेत्र में जो बदलाव आया है, वह केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत में दिखाई देता है।
प्रधानमंत्री के संबोधन से स्पष्ट है कि पूर्वोत्तर भारत को अब डिजिटल, शैक्षणिक, आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का ठोस खाका तैयार हो चुका है। भारत की विकास यात्रा में अब नॉर्थईस्ट नेता की भूमिका में है, न कि सिर्फ एक दर्शक के रूप में।
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