जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान ने पार्टी के अन्य नेताओं, विशेषकर उदित राज, के साथ तीखा टकराव पैदा कर दिया है।
शशि थरूर ने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि किसी भी देश की खुफिया एजेंसियां 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकतीं। उन्होंने इस हमले की तुलना इज़राइल में हमास के हमले से करते हुए कहा कि जैसे इज़राइल युद्ध समाप्त होने के बाद जवाबदेही तय करेगा, वैसे ही भारत को भी वर्तमान संकट के समाप्त होने के बाद सरकार से जवाबदेही मांगनी चाहिए।
उदित राज ने थरूर के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पूछा कि क्या थरूर भाजपा के प्रवक्ता बन गए हैं। उन्होंने थरूर की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या आप ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग से डरते हैं?” राज ने यह भी आरोप लगाया कि थरूर प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं की प्रशंसा करते हैं और कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं।
थरूर ने अपने बचाव में कहा कि वह किसी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं और उन्होंने अपने विचार स्वतंत्र रूप से व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने लिए बोलता हूं। मैं किसी का प्रवक्ता नहीं हूं।”
यह विवाद कांग्रेस पार्टी के भीतर बढ़ती दरार को उजागर करता है। थरूर पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा की प्रशंसा और केरल में वामपंथी सरकार की औद्योगिक प्रगति की सराहना को लेकर पार्टी के भीतर आलोचना का सामना कर चुके हैं।
पहल्गाम हमले पर थरूर और राज के बीच की यह बहस कांग्रेस पार्टी के भीतर विचारधारात्मक मतभेदों और नेतृत्व को लेकर असंतोष को दर्शाती है। पार्टी को इन आंतरिक मतभेदों को सुलझाने और एकजुटता बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
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