पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंधों को नया आयाम देने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने अमेरिका को अरब सागर में एक आधुनिक बंदरगाह बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को लेकर कहा जा रहा है कि यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और ग्वादर पोर्ट के समानांतर एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता में रखा। इसमें दावा किया गया है कि इस बंदरगाह के जरिये अमेरिका हिंद महासागर और मध्य एशिया तक अपनी रणनीतिक पहुंच को और मजबूत कर सकेगा। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान इस परियोजना को अमेरिका के साथ “रणनीतिक साझेदारी” के रूप में विकसित करना चाहता है, ताकि वह चीन पर अत्यधिक निर्भरता को संतुलित कर सके।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह प्रस्ताव न केवल पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, बल्कि उसकी आर्थिक मजबूरी भी दर्शाता है। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और विदेशी निवेश को आकर्षित करना उसकी प्राथमिकता है। यदि अमेरिका इस परियोजना को हरी झंडी देता है, तो यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा साबित हो सकता है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इस प्रस्ताव को भारत और चीन के दृष्टिकोण से भी जोड़कर देख रहे हैं। एक ओर जहां चीन इसे अपने हितों के लिए चुनौती मान सकता है, वहीं भारत के लिए भी यह क्षेत्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।
फिलहाल, अमेरिका की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन पाकिस्तान का यह प्रस्ताव निश्चित रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीति में नए समीकरण खड़ा कर सकता है।
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