उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर नई ई-बसों को एकता नगर की सड़कों पर चलने की अनुमति दी। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और यात्रियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रधानमंत्री की इस हरित पहल का स्वागत किया।
9 मीटर लंबी ये नई एसी मिनी ई-बसें एक बार चार्ज करने के बाद 180 किलोमीटर तक चल सकती हैं। दिव्यांगजनों के लिए बस में विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें एक विशेष लिफ्टिंग सिस्टम के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए सीट को नीचे करने की व्यवस्था है, ताकि वे आराम से चढ़ और उतर सकें। इसके अलावा, महिलाओं के लिए चार अलग गुलाबी सीटों की व्यवस्था की गई है, ताकि वे सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का आनंद ले सकें।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, “एकता नगर केवल एक पर्यटन केंद्र ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का एक जीवंत उदाहरण है। ई-बसों के जुड़ने से हवा स्वच्छ रहेगी, ध्वनि प्रदूषण कम होगा और पर्यटकों को आधुनिक, आरामदायक सुविधाएं मिलेंगी।”
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्राधिकरण ने प्रधानमंत्री के ‘भारत के पहले ई-सिटी’ विजन के तहत चरणबद्ध तरीके से ई-कार, ई-रिक्शा और ई-बस जैसी हरित परिवहन प्रणालियां शुरू की हैं। प्रधानमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस 2021 पर इस पहल की घोषणा की थी और तब से, एकता नगर पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन का प्रतीक बनकर उभरा है।
नई ई-बसों के जुड़ने से एकता नगर में पर्यटकों के लिए निःशुल्क, स्वच्छ और स्मार्ट परिवहन सेवाएं अब और अधिक सुलभ हो गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में, एकता नगर सतत विकास, हरित ऊर्जा और स्मार्ट पर्यटन के सामंजस्य का एक जीवंत प्रतीक बन रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय एकता दिवस तथा सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में सहभागी होने के लिए गुजरात आए।
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