प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ का पवित्र गंगा जल भेंट किया। यह कुंभ 26 फरवरी को संपन्न हुआ था, जिसमें 660 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मानव समागम माना जाता है।
धरम गोखूल को दिसंबर 2024 में सर्वसम्मति से मॉरीशस का नया राष्ट्रपति चुना गया। वे पृथ्वीराजसिंह रूपन के उत्तराधिकारी बने, जिनका कार्यकाल 2 दिसंबर 2024 को समाप्त हुआ था। गोखूल शिक्षा, सार्वजनिक सेवा और राजनीति में एक प्रतिष्ठित नाम हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन में मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री और संस्थापक पिता सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को भी नमन किया।
पीएम मोदी ने एक्स (Twitter) पर लिखा, “मैंने मॉरीशस की प्रगति में योगदान देने वाले दो महान नेताओं सर शिवसागर रामगुलाम और सर अनिरुद्ध जगन्नाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की।”
उन्होंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ मिलकर एक पौधा भी लगाया। इस मौके पर उन्होंने कहा,
“प्रकृति, मातृत्व और स्थिरता को समर्पित ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम में भाग लेकर मैं अभिभूत हूं। प्रधानमंत्री डॉ. नवीन रामगुलाम का समर्थन हरियाली और बेहतर भविष्य के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर मंगलवार (11 मार्च)को पहुंचे। सर शिवसागर रामगुलाम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। भारतीय समुदाय ने पारंपरिक ‘गीत गवई’ सांस्कृतिक प्रस्तुति से उनका सम्मान किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मॉरीशस में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हूं। भारतीय विरासत, संस्कृति और मूल्यों से उनका गहरा जुड़ाव वाकई प्रेरणादायक है।”
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बता दें की प्रधानमंत्री मोदी बुधवार (12 मार्च) को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में भारतीय नौसेना का एक जहाज और भारतीय रक्षा बलों की टुकड़ी भी भाग लेगी। यह पीएम मोदी की 2015 के बाद पहली मॉरीशस यात्रा है। पीएम मोदी की यात्रा से भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान वाणिज्य, शिक्षा, रक्षा, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।