24 C
Mumbai
Monday, December 29, 2025
होमदेश दुनियासऊदी अरब की ओर तीसरी बार रुख करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, क्या है...

सऊदी अरब की ओर तीसरी बार रुख करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, क्या है वजह?

कूटनीतिक परिस्थितियों में भारत की यह सक्रिय और बहुपक्षीय भूमिका न केवल उसकी विदेश नीति की परिपक्वता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि अब भारत केवल ‘वेट एंड वॉच’ की भूमिका में नहीं, बल्कि निर्णायक वैश्विक भागीदार के रूप में उभर रहा है।

Google News Follow

Related

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 और 23 अप्रैल को दो दिवसीय सऊदी अरब दौरे पर रहेंगे। यह यात्रा क्राउन प्रिंस और सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। वर्ष 2016 और 2019 के बाद यह पीएम मोदी की सऊदी अरब की तीसरी आधिकारिक यात्रा होगी, जो न केवल द्विपक्षीय कूटनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पश्चिम एशिया की बदलती राजनीति के बीच भारत की संतुलित भूमिका को भी रेखांकित करती है।

इस दौरे को भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों की बहुआयामी मजबूती के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता चल रही है, और अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रियाद की यात्रा पर आने वाले हैं। इन वैश्विक हलचलों के बीच भारत और सऊदी अरब की नजदीकियां वैश्विक संतुलन के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।

भारत और सऊदी अरब के बीच 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। वर्ष 2010 में इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया, और तब से दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा और तकनीक जैसे क्षेत्रों में गहराई से सहयोग किया है।

प्रधानमंत्री की यह यात्रा कई मायनों में प्रतीकात्मक भी है। एक ओर यह 2023 में क्राउन प्रिंस बिन सलमान की भारत यात्रा और जी20 शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी की कड़ी को आगे बढ़ाती है, वहीं दूसरी ओर यह रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की निरंतरता को भी दर्शाती है, जिसकी सह-अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की थी।

यह दौरा भारत-सऊदी सहयोग को और अधिक प्रगाढ़ करने के प्रयासों का हिस्सा है। दोनों देशों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रवासी भारतीयों की भूमिका भी इस साझेदारी को मानवीय धरातल पर मजबूती देती है। लगभग 25 लाख भारतीय नागरिक सऊदी अरब में निवास करते हैं, जो दोनों देशों के बीच ‘लोगों के बीच संपर्क’ को जीवंत बनाए रखते हैं।

दुनिया की बदलती कूटनीतिक परिस्थितियों में भारत की यह सक्रिय और बहुपक्षीय भूमिका न केवल उसकी विदेश नीति की परिपक्वता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि अब भारत केवल ‘वेट एंड वॉच’ की भूमिका में नहीं, बल्कि निर्णायक वैश्विक भागीदार के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इसी दिशा में एक और मजबूत कूटनीतिक कदम है।

यह भी पढ़ें:

पश्चिम हिंसा: पीड़ितों को देखकर महिला आयोग प्रमुख की आंखों से छलका दर्द,”उनकी पीड़ा सुनकर नि:शब्द रह गई”!

मुर्शिदाबाद हिंसा: बंगाल हिंसा पर इंदौर में बजरंग दल का प्रदर्शन और राष्ट्रपति शासन की मांग!

अफगानिस्तान में तेज भूकंप, दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में महसूस हुए झटके

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,554फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें