देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा ऐलान कर सकते हैं| प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन में सीएए लागू करने की घोषणा भी कर सकते हैं| सीएए को संसद में भी पारित किया जा चुका है| तकरीबन 5 वर्ष पहले इस विधेयक को संसद से पारित कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इसे लागू किया गया है| प्रधानमंत्री देश के नाम अपने संबोधन में बहुप्रतीक्षित सीएए को लागू कर सकते हैं| इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना भी जारी किया जा चुका है|
बता दें की पीएम मोदी कुछ ही समय में देश के नाम संबोधन करने वाले हैं| इस दौरान वे देश के लिए बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं| अनुमान लगाया जा रहा है| लंबित सीएए बिल को लागू करने का ऐलान कर सकते हैं| देश के लिए यह गर्व का विषय है | देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएए लागू करने की बात कही थी, जबकि बगलादेशीय और रोहिंग्या का समर्थन को लेकर पश्चिम बंगाल की टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी द्वारा केंद्र के नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर शुरू से ही विरोध किया जा रहा है|
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम वह कानून है, जिसके लागू करने पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीनों ही मुस्लिम देशों से आये मुस्लिम नागरिकों भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी| इसकी सबसे बड़ी व महत्वपूर्ण बात यह है कि गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई आदि सभी को सम्मलित किया गया है| क्योंकि इन देशों में मुस्लिम को छोड़कर अन्य धर्म के सभी लोग अल्पसंख्य हैं|
वही, दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले ही सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी करने की बात कही गयी थी| यही नहीं अमित शाह ने यह भी कहा था कि कोई भी नागरिकता संशोधन अधिनियम को रोक नहीं सकता है| उन्होंने ने पूरे विश्वास के साथ कहा कि आज देर रात इसको लेकर अधिसूचना जारी कर सकता है| अमित शाह ने ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर जनता को अँधेरे में रखने का आरोप भी लगाया| कोलकाता में भाजपा की एक सभा में उन्होंने कहा था कि सीएए लागू करना पार्टी की प्रतिबद्धता है|
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