प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में हो रहे जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन में राज्य मंत्रियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज़्यादा से ज़्यादा जोड़ना होगा।’ ऐसे में ‘वॉटर विजन 2047’ अगले 25 वर्षों के अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम है।
प्रधानमंत्री ने सम्बोधन में आगे कहा कि ‘जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग’ जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस कार्य में विभिन्न स्टार्टअप भी सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षण में राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे, हमारे देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और जब शहरीकरण की रफ़्तार ऐसी हो तो हमें पानी के विषय में पूरी गंभीरता से सोचना चाहिए।
जनता के प्रयासों और सहयोग को महत्व देते हुए पीएम ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान से जब लोग जुड़े तब जनता में भी चेतना और जागरूकता आई। सरकार ने संसाधान जुटाए, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और शौचालय जैसे अनेक कार्य किए।लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने सोचा कि गंदगी नहीं फैलानी है। इसी तरह जनता में यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जगानी होगी। वहीं ‘इंडस्ट्री और खेती दो ऐसे सेक्टर्स हैं, जिसमें पानी की आवश्यकता सबसे ज्यादा होती है और इन दोनों सेक्टर्स को मिल कर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।’
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