गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग को उस आदेश को ख़ारिज रद्द कर दिया, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की डिग्री दिखाए जाने की मांग की थी। गुजरात हाई कोर्ट का यह फैसला शुक्रवार को आया। सात साल पुराने इस आदेश को रद्द करने के साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसे एक माह के भीतर गुजरात विधि सेवा प्राधिकरण में जमा करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि, अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय सूचना आयोग से उसे दिखाए जाने की मांग की थी। इसके बाद आयोग ने गुजरात विश्वविद्यालय को पीएम मोदी की डिग्री को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिखाने के लिए आदेश दिया था। जिस पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने प्रधान मंत्री कार्यालय से कहा कि पीएम मोदी के ग्रेजुएशन का प्रमाणपत्र दिखाने की कोई जरुरत नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ 25 हजार का जुर्माना भीं लगाया। दरअसल यह मामला 2016 का है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सूचना के अधिकार के तहत गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएम नरेंद्र मोदी के डिग्री की जानकारी मांगी थी। इसके तीन माह बाद गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर रोक लगा दिया। यह रोक गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा हाई कोर्ट में दाखिल याचिका के बाद लगाई गई थी।
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के आदेश पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा है कि क्या देश को यह जानने का अधिकार नहीं है कि पीएम मोदी कितने पढ़े लिखे हैं। क्या उनकी डिग्री देखने की मांग करने पर जुर्माना लगा दिया जाएगा। अनपढ़ या कम पढ़ें प्रधानमंत्री इस देश के लिए घातक हैं।
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