पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को समुंदर में बने देश के सबसे बड़े अटल सेतु का उद्घाटन किया। इस पुल के जरिये मुंबई और नवी मुंबई की दूरी को मात्र 20 मिनट में तय की जा सकती है। यह पुल छह लेन का है और इसकी लंबाई 21. 8 किलोमीटर है। इससे बनाने 17840 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस पुल का शिलान्यास 2016 में पीएम मोदी ने ही किया था अब उद्घाटन भी उनके द्वारा ही किया गया।
गौरतलब है कि, मुंबई से नवी मुंबई जाने में 2 घंटे लगते थे,लेकिन अब यह दूरी समुंदर के रास्ते मात्र 20 मिनट में पूरी होगी। यह ब्रिज मुंबई को मुंबई -गोवा हाइवे, वसई और विरार, नवी मुंबई और रायगढ़ जिले को जोड़ेगा।
ये ब्रिज छह लेन में बना है। इसकी लंबाई 21. 8 किलोमीटर है। इसका 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुंदर में और 5.5 किलोमीटर जमीन पर बना हुआ है। जिसकी लागत 17840 करोड़ रुपये है। जबकि यह ब्रिज समुद्र तल 15 मीटर ऊंचाई पर बना हुआ है। इस ब्रिज के निर्माण के लिए इंजीनियरों और श्रमिकों ने 47 मीटर समुन्द्र तल की खुदाई की है। वहीं, इस पुल का शिलान्यास 2016 में पीएम मोदी ने ही किया था अब उद्घाटन भी उनके द्वारा ही किया गया।
अटल सेतु को बनाने में 177903 मीट्रिक टन स्टील और 504253 मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया. दावा किया जा रहा है कि यह पुलिस 100 साल तक टिका रहेगा। इस पुल को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक नाम दिया गया है। जिसे अब अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी न्हावा सेवा अटल सेतु नाम दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पुल पर भूकंप का कोई असर नहीं होगा।
इस ब्रिज पर कार, टैक्सी, लाइट मोटर गाड़ी, मिनी बस, टू एक्सल बस के साथ छोटे ट्रक का आवागमन होगा। वहीं, मोटर साइकिल मोपेड थ्री व्हीकल टैम्पो आटोरिक्शा ट्रैक्टर स्लो चलने वाली गाड़ियों को इस ब्रिज पर आवागमन की अनुमति नहीं होगी।
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