जाने जिस मंदिर PM Modi ने की पूजा, उसका श्रीराम से क्या है कनेक्शन     

पीएम मोदी शनिवार को तमिलनाडु के त्रिची के रंगनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना किया।

जाने जिस मंदिर PM Modi ने की पूजा, उसका श्रीराम से क्या है कनेक्शन     

प्रधानमंत्री अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन के विशेष अनुष्ठान पर है। इस दौरान पीएम मोदी देश के कई मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी शनिवार को तमिलनाडु के त्रिची के रंगनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना किया। बता दें कि श्रीरंगनाथ स्वामी भगवान विष्णु का ही रूप है।

यह मंदिर कावेरी और कोलिदम नदियों के बीच बने टापू पर स्थित है। यह टापू 150 एकड़ में फैला हुआ है। पीएम मोदी को यहां के विद्वानों ने कम्बा रामायण का पाठ सुनाया। इसकी रचना महर्षि कम्बन द्वारा इस रामामायण को 9 सदी में तमिल की भाषा में रचित किया गया है। इसमें भगवान राम के लंका में रावण के वध के बाद लौटने का जिक्र है।कम्ब रामायण 6 काण्डों का वर्णन किया गया है। बताया जाता है कि इसी मंदिर में महर्षि कंबन  पहली बार सार्वजनिक रूप से कम्ब रामायण का पाठ किया था।

नरेंद्र मोदी इस मंदिर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री है। इस दौरान उन्होंने गजराज से आशीर्वाद लिया और गजराज ने माउथ ऑर्गन भी बजाया। बता दें कि मंदिर के मुख्य पुजारी ने पीएम मोदी को अयोध्या के राम मंदिर ले जाने के लिए कुछ उपहार भी सौंपे। जिसमें साड़ियां और अन्य  उपहार थे।

मान्यता है कि श्रीरंगम जो मूर्ति है उसकी पूजा श्रीराम और उनके पूर्वजों ने की थी और इस मूर्ति को ब्रह्माजी ने श्रीराम के पूर्वजों को दी थी। इस मूर्ति की पूजा अयोध्या में की जाती थी। लेकिन एक बार जब विभीषण ने श्रीराम से अनमोल उपहार मांगा तो भगवान राम ने उन्हें यही मूर्ति उपहार स्वरूप दे दी और उसी पूजा अर्चना करने को कहा था। जब विभीषण लंका जा रहे थे तब उन्होंने इस मूर्ति की स्थापना श्रीरंगम में थी।

पीएम मोदी आज जिस स्थान पर बैठे थे उसका भी काफी महत्व है। यहां एक मंच और मंतप है। इसे कब रामायण मंतपम कहा जाता है जिस पर पीएम मोदी ने शनिवार वार को बैठकर कम्ब रामायण को सुना। वहीं, पीएम मोदी अस्थाई हैलीपैड से मंदिर के लिए सड़क मार्ग से रवाना हुए तो उनका लोगों ने जोरदार स्वागत किया। सड़क के दोनों ओर लोगों ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने भी इस दौरान गाडी का दरवाजा खोलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।

ये भी पढ़ें 

22 जनवरी तक 84 लाख राम नाम लिखने वाली कौन हैं विजयलक्ष्मी?   

प्राण प्रतिष्ठा के समय मौजूद रहेंगे राम मंदिर का फैसला देने वाले जज    

जाने अयोध्या में कितने चार्टर्ड विमान होंगे लैंड, पांच राज्यों में होंगे पार्क

स्टालिन ने फिर उगला जहर! कहा- मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाये जाने के पक्ष में नहीं     

Exit mobile version