प्रधानमंत्री मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छात्रों को दिया खास मंत्र!

नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। यह पीपीसी का आठवां संस्करण है और इस साल यह विशेष रूप से परीक्षा से संबंधित तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छात्रों को दिया खास मंत्र!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से परीक्षा को लेकर चर्चा कर रहे हैं| इस चर्चा में शामिल हुए छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ अहम टिप्स दिये| प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। यह पीपीसी का आठवां संस्करण है और इस साल यह विशेष रूप से परीक्षा से संबंधित तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इस दौरान पीएम ने परीक्षा पे चर्चा में शामिल हुए छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में पेड़ भी लगाया। पीएम मोदी ने कहा जैसे ये पेड़ लगाए है, पानी देने का उपाय क्या है। उन्होंने आगे बताया कि पेड़ के बगल में एक मिट्टी का मटका लगा देना चाहिए और उसमें एक महीने में पानी डालना चाहिए। इससे पेड़ का ग्रोथ कम पानी से भी होगा।

एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि उसे पेपर छूटने का डर रहता है। इस पर पीएम मोदी ने सलाह दी कि वह पिछले सालों के पेपर सॉल्व करें, इससे उसका डर खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को केवल उन सवालों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो महत्वपूर्ण हैं। खुद को मोटिवेट करने के लिए गोल्स बनाइए। उन्हें हासिल कर लेने के बाद खुद को रिवॉर्ड दें।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान बिहार के एक छात्र ने पीएम मोदी से लीडरशिप से जुड़ा सवाल पूछा, जिस पर पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि बिहार का छात्र हो और राजनीति से जुड़ा सवाल न हो, यह हो ही नहीं सकता। पीएम मोदी ने बताया आपके विश्वास से लीडरशिप को बल मिलता है।

पीएम मोदी ने कहा कि कक्षा 10 और 12 के लगभग 40-50 प्रतिशत छात्र असफल होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यही उनका अंतिम लक्ष्य है। स्कूल में या जीवन में सफलता और असफलता के बीच अंतर को समझना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी दिन के अंत में अपनी गलतियों पर विचार करते हैं और उन पर काम करते हैं, छात्रों को भी यही करना चाहिए।

पीएम ने छात्रों को टेक्नोलॉजी के सही उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी कोई खतरनाक तूफान नहीं है जो आपको गिरा देगा। इनोवेशन आपकी भलाई के लिए हैं। टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करें और अपने समय को बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचें।

पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों को भी एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हर बच्चा खास होता है, उनकी किसी दूसरे से तुलना मत करें। बच्चों के ऊपर प्रेशर मत डालिए। बच्चा खुद पहले से बेहतर करने और बनने की कोशिश करता है।

परीक्षा से पहले स्ट्रेस के सवाल पर पीएम मोदी ने पूछा कि यह मुसीबत शुरू कहां से होती है। तनाव और डिप्रेशन होने के लक्षण नजर आने लगते हैं। अपने मन की दुविधाओं को लोगों के साथ बांटना सीखें। इससे मन शांत रहता है, साथ ही घर के किसी भी सदस्य से बात करें।

कार्यक्रम के दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि अच्छा नेता कैसे बनें, तो पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि टीमवर्क और धैर्य अच्छे नेता बनने के मुख्य गुण हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अपने साथियों का समर्थन करना और उनकी परिस्थितियों को समझना महत्वपूर्ण है। नेतृत्व किसी पर थोपा नहीं जा सकता।

एक छात्र के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर बच्चे में कुछ न कुछ खासियत जरूर होती है। कोई पढ़ाई में अच्छा होता है तो किसी की और चीज में अच्छा होता है। साथ ही पीएम मोदी ने उस छात्र से उसकी खासियत के बारे में भी चर्चा की। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आयोजन इस बार नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी में किया गया है। इस बार पीएम मोदी बच्चों से खुली और सहज बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं।

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