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Wednesday, December 10, 2025
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राहुल गांधी ने बच्चों को बनाया सियासी हथियार।

याद आया जब 1988 में बच्ची ने कहा था ,“राजीव गांधी चोर है”

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राहुल गांधी ने बच्चों को बनाया सियासी हथियार, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अब बच्चे भी उन्हें ‘वोट चोरी’ के बारे में बता रहे हैं। शनिवार (24 अगस्त) को अररिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “बच्चे आकर कह रहे हैं ‘वोट चोर गद्दी छोड़।’ छह साल का बच्चा भी अब जान गया है। हजारों बच्चे यही बोल रहे हैं। अब चुनाव आयोग को जाकर इन बच्चों से बात करनी चाहिए।”

राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार, चुनाव आयोग के साथ मिलकर गरीबों के वोट चोरी करना चाहती है और यह पूरा अभियान संविधान के खिलाफ है। उनका कहना था कि विपक्ष इस कोशिश को बिहार में सफल नहीं होने देगा।

हालाँकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने बच्चों को अपने राजनीतिक नैरेटिव का हिस्सा बनाया हो। 1988 का एक किस्सा याद आता है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को एक बच्ची ने सार्वजनिक मंच पर चोर कहा था।

बच्ची ने ऑल इंडिया रेडियो पर कहा, “गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है”

27 मई 1988 को पटना रेडियो स्टेशन से प्रसारित एक कार्यक्रम में एक छोटी बच्ची से मजाक सुनाने को कहा गया। बच्ची ने तत्कालीन चर्चित नारे को दोहराते हुए कहा, “गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है।” यह नारा बोफोर्स घोटाले के खुलासे के बाद पूरे देश में गूंज रहा था और कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा उजागर कर रहा था।

लेकिन इस घटना का अंजाम बेहद भयावह रहा। बाद में सागर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की प्रवेश परीक्षा में एक सवाल पूछा गया, “किस आकाशवाणी केंद्र ने ‘राजीव गांधी चोर है’ का नारा प्रसारित किया?” इस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कृष्णात्रेय पर हमला कर दिया। उनका चेहरा कालिख से पोता गया और उन्हें पूरे कैंपस में घुमाया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रयागदास हजेला ने इसका विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया। शिक्षकों ने भी हफ्तों तक कक्षाओं का बहिष्कार किया। हालात इतने बिगड़े कि प्रो. कृष्णात्रेय पर ही आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। कांग्रेस नेताओं ने उन पर अशोभनीय आचरण और अशांति फैलाने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी का नया वोट चोरी नैरेटिव उनके 2019 के असफल चौकीदार चोर है अभियान की याद दिलाता है। दिलचस्प बात यह है कि जिस कांग्रेस परिवार पर पहले बच्चों की जुबान से चोर कहे जाने का आरोप लगा था, आज वही राहुल गांधी बच्चों का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। 1988 का इतिहास बताता है कि कांग्रेस ने आलोचना सहन करने के बजाय हिंसक प्रतिक्रिया दी थी। जबकि आज राहुल गांधी बच्चों को अपने राजनीतिक भाषणों का केंद्र बनाकर पुराने नारेबाजी की परंपरा को ही दोहरा रहे हैं।

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