बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का इस्तीफा: देश अस्थिरता की राह पर?

शेख हसीना ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और सीधे देश छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गयी हैं| वहीं दूसरी ओर देश में सेना प्रमुख ने देशवासियों से सीधा संवाद किया है| इस पृष्ठभूमि में बांग्लादेश एक बार फिर अस्थिरता की राह पर है|

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का इस्तीफा: देश अस्थिरता की राह पर?

Resignation-of-Bangladesh-PM-Sheikh-Hasina

बांग्लादेश में पिछले एक महीने से चल रहे घटनाक्रम की परिणति आज प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के साथ हुई| सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुई हिंसा सीधे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास तक पहुंच गई| इन सभी घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में शेख हसीना ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और सीधे देश छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गयी हैं| वहीं दूसरी ओर देश में सेना प्रमुख ने देशवासियों से सीधा संवाद किया है| इस पृष्ठभूमि में बांग्लादेश एक बार फिर अस्थिरता की राह पर है|

बांग्लादेश में क्या हो रहा है?: बांग्लादेश में सरकार ने सरकारी नौकरियों में 1971 के युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का फैसला किया है। उन्हें आम युवाओं का काफी विरोध झेलना पड़ा| युवाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया|एक महीने पहले हुए इन विरोध प्रदर्शनों में कुछ युवा भी मारे गए थे| मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया|

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया और नायकों के रिश्तेदारों के लिए केवल 3 प्रतिशत आरक्षित कर दिया। लेकिन इस बीच, पुलिस और सरकारी सुरक्षा बलों द्वारा किए गए अत्याचारों के विरोध में विरोध मार्च आयोजित किए गए। इसके चलते दोबारा हुई हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई|

इस पृष्ठभूमि में, एक ओर, सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है, दूसरी ओर, गुस्साई भीड़ ने सीधे ढाका तक विरोध मार्च निकाला। इससे स्थिति और खराब हो गयी| भीड़ लगातार शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रही थी| आखिरकार शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया| कहा जाता है कि उसने भारत में शरण ले रखी है।

सेना प्रमुख ने देशवासियों से की बातचीत: एक तरफ जहां प्रधानमंत्री अपने इस्तीफे के बाद शरण के लिए विदेश चले गए हैं, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के आम नागरिक आक्रामक हो गए हैं और प्रदर्शनकारी राजधानी में शेख हसीना के सरकारी आवास में घुस गए हैं|हालात बेकाबू होते देख सेना प्रमुख ने खुद लोगों से बातचीत की| इससे पहले उन्होंने बांग्लादेश के सभी राजनीतिक दलों, संगठनों और पदाधिकारियों से बातचीत की|

”बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए सेना अंतरिम सरकार बनाएगी. सेना प्रमुख के तौर पर मैं देश भर में भड़की हिंसा की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं|बांग्लादेश के सेना प्रमुख वक़र-उज़-ज़मान ने देशवासियों से कहा, ”मैं प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं कि उन्हें अपना विरोध वापस ले लेना चाहिए।” इसके अलावा ज़मान ने यह भी कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में देशभर में हुई हत्याओं की जांच सेना खुद करेगी|इसके अलावा उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों से आंदोलन बंद कर घर लौट जाने की अपील की है|

यह भी पढ़ें-

Wayanad landslides: भूस्खलन की पहली सूचना देने वाली ‘वह’ बच नहीं सकी; वायनाड में उस रात क्या हुआ?

Exit mobile version