सनातन धर्म पर उठा विवाद विपक्ष यानी की “इंडिया” के लिए गले की फांस बन गया है। उदय निधि प्रियांक खड़गे के बयान के बाद अब ए राजा के विवादित टिप्पणी से विपक्ष घमासान मचा हुआ है। ममता बनर्जी, सपा नेता रामगोपाल यादव की नसीहत के बाद भी डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर भूचाल ला दिया है। अब उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने एमके स्टालिन को अच्छे सलाहकार की सेवा लेने की बात कही है।
महाराष्ट्र के उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने भी सनातन धर्म पर बयानबाजी का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि “उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री है और उनके बयान का कोई भी समर्थन नहीं करेगा, उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए। यह डीएमके की राय हो सकती है। देश में 90 करोड़ हिन्दू और अलग अलग धर्मो के लोग रहते हैं। इस तरह से पूरा देश का माहौल खराब हो गया है। एमके स्तालिन एक आदरणीय नेता हैं ,अगर उनके सलाहाकार थोड़ा बचकर बयान दें तो इंडिया में रुकावट नहीं आएगी।”
ममता बनर्जी ने भी उदय निधि के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। सभी धर्मो का सम्मान किया जाना है। इसी तरह से सपा नेता रामगोपाल यादव ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। उन्होंने उदयनिधि को सभी धर्मो का सम्मान करने की सलाह दी है। कांग्रेस इस विवाद से खुद को अलग कर लिया है लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे के बयान से कोंग्रस फंस गई है।हालांकि प्रियांक ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने किसी धर्म के बारे में बात नहीं की है।
इधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी अपने बेतुका बयान से फंसते नजर आ रहे है। उनका कहना है उन्हें केरल के एक मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। उन्हें टी शर्ट उतारने को कहा गया। उन्होंने कहा कि मैंने टी शर्ट नहीं उताने से इंकार कर दिया और कहा कि मै बाहर से प्रार्थना करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी को टी शर्ट उतारने को नहीं कहा गया।
विपक्ष में सनातन धर्म बंटता हुआ नजर आ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कहा है कि वे सनातनी है। हालांकि विपक्ष के नेता खुलकर उदयनिधि या ए राजा की कड़े शब्दों में निंदा नहीं है। इसकी वजह से विपक्ष दो भागों में बंट गया है।
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