घुसपैठियों के डिटेंशन सेंटर में रखने को लेकर SC ने तलब किया जवाब, 6 फरवरी को होगी सुनवाई !

अवैध अप्रवासी विशेषता से अवैध बांग्लादेशियों को लम्बे समय तक डिटेंशन सेंटर में रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है, क्या अवैध अप्रवासीयों को अनिश्चित काल के लिए डिटनेशन कैंप में रखा जाना चाहिए?साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सजा पूरी होने के बाद भी कितने बांग्लादेशियों को डिटेंशन कैंप में रखें जाने की रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने छह फरवरी को इस मामले पर दोबारा सुनवाई उल्लेखित की है।

कोर्ट ने पूछा है कि केंद्र सरकार द्वारा 2009 को जारी सर्कुलर क्लोज 2 (v) के अनुसार, अवैध बांग्लादेशीयों को 30 दिनो के भीतर सत्यापित कर डिपोर्ट (निर्वासन) करना चाहिए, फिर इसका अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है?

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जस्टिस जे.बी. पारदीवाला ने अवैध बांग्लादेशियों को वापस भेजने के बजाय अनिश्चित समय तक भारत के डिटेंशन सेंटर में रखे जाने पर टिप्पणी की, यदि बांग्लादेश के किसी अवैध आप्रवासी को फॉरेनर्स एक्ट, 1946 के तहत दोषी ठहराया गया है, तो उनकी सजा पूरी होते ही उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।

बता दें की क़ानूनी विशेषज्ञ माजा दारूवाला की कलकत्ता हाई कोर्ट को लिखी चिट्ठी के आधार पर यह सुनवाई शुरू हुई थी। इसी चिट्ठी में अनिश्चित समय तक डिटेंशन सेंटर में रहने वाले बांग्लादेशियों की स्थिति पर सवाल उठाया गए थे, जिसे 2013 में सर्वोच्च न्यायलय में ट्रांसफर किया गया।

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