28.2 C
Mumbai
Monday, April 28, 2025
होमदेश दुनियाSC सख्त: हैदराबाद विवि के पास पेड़ कटाई पर सवाल, सरकार से...

SC सख्त: हैदराबाद विवि के पास पेड़ कटाई पर सवाल, सरकार से जवाब!

पीठ ने कहा कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी। इस बीच वहां एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा।

Google News Follow

Related

हैदराबाद विवि के पास पेड़ों की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि हम पर्यावरण को हुए नुकसान से चिंतित हैं। ऐसे वीडियो देखकर आश्चर्य हुआ। जानवर आश्रय की तलाश में भाग रहे हैं। सरकार तय करे कि उन जंगली जानवरों की सुरक्षा कैसे होगी? सरकार को पेड़ काटने की इतनी जल्दी क्या थी?

हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास कांचा गचीबावली में पेड़ों की कटाई मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पेड़ों को गिराने की इतनी जल्दी क्या थी? न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने तेलंगाना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि 100 एकड़ भूमि पर जंगल और हरियाली को बहाल करने के लिए योजना बनाएं।

न्यायमूर्ती गवई ने कहा कि हम पर्यावरण को हुए नुकसान से चिंतित हैं। ऐसे वीडियो देखकर आश्चर्य हुआ। जानवर आश्रय की तलाश में भाग रहे हैं। सरकार तय करे कि उन जंगली जानवरों की सुरक्षा कैसे होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना के वन्यजीव वार्डन को निर्देश दिया कि वह तेलंगाना की 100 एकड़ भूमि में वनों की कटाई से प्रभावित वन्यजीवों की जांच करें और उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाएं।
पीठ ने कहा कि पर्यावरण और पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी। इस बीच वहां एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा।

हैदराबाद विवि के पास 400 एकड़ जमीन से पेड़ों को काटा जा रहा है। यह जमीन राज्य सरकार की है और सरकार ने इसे तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन को आवंटित की है। तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन ने इस जमीन पर विकास के लिए बीती 30 मार्च से पेड़ों की कटाई शुरू की। जिसका हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध शुरू कर दिया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि यह जमीन उसकी है न कि विश्वविद्यालय प्रशासन की। सरकार कानून के उल्लंघन से भी इनकार कर रही है। इसे लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इससे शैक्षणिक सत्र का नुकसान हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के सामने यह मामला न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता के परमेश्वर ने उठाया था। कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन अप्रैल को निर्देश दिया था कि अगले आदेश तक राज्य या किसी भी प्राधिकारी द्वारा वहां पहले से मौजूद पेड़ों की सुरक्षा के अलावा किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति को भी संबंधित स्थल का दौरा करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

यह भी पढ़ें-

यूपी में पीएम रैली: जायजा लेने पहुंचे सांसद-विधायक-अधिकारी!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,119फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
245,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें