Kolhapur Bypoll: शिवसैनिक नाराज, “नॉट रिचेबल” राजेश क्षीरसागर

नाराज शिवसैनिकों ने नोटा पर वोट डालने का आह्वान किया है, जिसके कारण कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई है| साथ ही इस सीट के लिए पूर्व विधायक राजेश क्षीरसागर भी "नॉट रिचेबल" दिखाई दे रहे हैं|

Kolhapur Bypoll: शिवसैनिक नाराज, “नॉट रिचेबल” राजेश क्षीरसागर

कोल्हापुर उत्तर विधानसभा के सीट कांग्रेस को देने पर शिवसैनिकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है| उक्त सीट के लिए शिवसेना के पूर्व विधायक राजेश क्षीरसागर इच्छुक थे| कांग्रेस को यह सीट देने के बाद अब क्षीरसागर लंबे समय के लिए “नॉट रिचेबल” हो गए है, जिसके कारण शिवसैनिकों ने सोशल मिडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है| नाराज शिवसैनिकों द्वारा नोटा पर मतदान करने का भी आह्वान किया है| इस वजह से कोल्हापुर उप चुनाव में शिवसेना का कांग्रेस के खिलाफ अलग तेवर होने की संभावना है|

कोल्हापुर उत्तर उपचुनाव की सरगर्मिया तेज हो गयी है| इस चुनाव को लेकर शिवसेना अपनी भूमिका न्यूटल की हुई है| चूंकि यह विधानसभा महाविकास आघाडी के अंतगर्त आता है इसलिए शिवसेना अपनी दावेदारी को लेकर निष्क्रिय भूमिका में है| शिवसेना ने पहले अपना दावा किया था, लेकिन आघाडी सरकार आने पर यहां से अब कांग्रेस के उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का शिवसेना की ओर से यह स्पष्ट किया गया है| अब इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर है| इस दौरान एक बार फिर उक्त सीट के लिए शिवसैनिक अडिग दिखाई दे रहे हैं, जिसके कारण कांग्रेस के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है|

एक तरफ इस उपचु​​नाव पर कांग्रेस निर्विरोध जितने की कोशिश कर रही है| वही, दूसरी ओर कांग्रेस को अलग करते हुए सभी पार्टी चुनाव के लिए ताल ठोकते दिखाई दे रहे हैं| शिवशक्ति की ओर से करुणा शर्मा चुनाव मैदान में हैं| भाजपा ने यहां पर सत्यजीत कदम के नाम की घोषणा की है| इसलिए यह उपचुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है| क्योंकि कांग्रेस और भाजपा का सीधा टक्कर इस चुनाव में देखा जा रहा है|

वही, नाराज शिवसैनिकों ने नोटा पर वोट डालने का आह्वान किया है, जिसके कारण कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई है| साथ ही इस सीट के लिए पूर्व विधायक राजेश क्षीरसागर भी “नॉट रिचेबल” दिखाई दे रहे हैं| गौरतलब है कि गत वर्ष कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट के कांग्रेसी विधायक चंद्रकांत जाधव का निधन हुआ था, जिसके कारण उक्त सीट खाली पड़ी हुई थी| इसलिए वहा उपचुनाव हो रहा है|

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