उद्धव के करीबी पूर्व मंत्री रामदास कदम ने उद्धव गुट से दिया है। रामदास कदम तीन बार मंत्री भी रहे और कोंकण के रत्नागिरी से कद्दावर नेता हैं। उन्होंने उद्धव ठकारे की आलोचना करते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा मात्रोश्री भेज दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे बाला साहेब ठाकरे ने नियुक्त किया गया था। लेकिन उनके मृत्यु के बाद अब इस पद का कोई मतलब नहीं रह गया है।
उन्होंने आरोप लगता कि उनकी कई बार आलोचना की गई। रामदास कदम ने अपने बेटे का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे बेटे विधायक योगेश कदम को कई बार अपमानित किया गया। रामदास कदम के इस्तीफे की खबर ऐसे समय में आई जब ठाकरे परिवार टूटी हुई पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने कई जिलों में अपने पदाधिकारियों को नियुक्त किये हैं। इन जिलों में शिवसेना 100 से ज्यादा पदाधिकारी नियुक्त किये हैं।
गौरतलब है कि रामदास कदम 2005 से 2009 तक विपक्ष के नेता रहे हैं। उन्हें 2005 में शिवसेना विधायकों का नेता चुना गया था। इसके अलावा 2010 में कदम विधान परिषद के लिए चुने गए थे। जबकि 2014 में रामदास कदम फडणवीस सरकार में पर्यावरण मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।
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