शिवसेना में पड़ी फूट के बाद दोनों गुटों की ओर से एक-दूसरे पर आलोचना के तीर चलाए जा रहे हैं. सीधे समूह की आलोचना करते हुए कहा गया कि पार्टी के प्रतीक और नाम खो गए थे, और दोनों समूहों के लिए नए नामों और प्रतीकों की खोज करने का समय आ गया था। शिवसेना इससे पहले भी चुनाव लड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी के कमल के चिन्ह पर चुनाव लड़ चुकी है।
इस बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का बनाया हुआ एक कार्टून वायरल हो रहा है। उस कार्टून को शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने ट्वीट किया था। इसमें तस्वीर के एक तरफ कमल पकड़े हुए सुखवलत का शीर्षक है जबकि दूसरी तरफ इसका शीर्षक अब मसाला धागा सहकारा है। दरअसल, अरविंद सावंत द्वारा ट्वीट किए गए इस कार्टून को 1984 और 1985 के बीच खींचा गया बताया गया है।
हे वंदनीय हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख श्रीमान बाळासाहेब ठाकरे यांनी १९८४/८५ मध्ये काढलेले बोलके व्यंगचित्र… #मशाल@OfficeofUT @AUThackeray pic.twitter.com/gmkxuAsWYm
— Arvind Sawant (@AGSawant) October 10, 2022
सावंत ने कार्टून ट्वीट करते हुए लिखा, 1984/85 में शिवसेना प्रमुख श्री बालासाहेब ठाकरे द्वारा खींचा गया यह व्यंग्य कार्टून मशाल | इसके अलावा उन्होंने इस ट्वीट में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को भी टैग किया और मशाल कहा|
दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और उस कार्टून में कहा कि उन्होंने मशाल को प्रतीक के तौर पर लिया था| मौजूदा राजनीति को देखें तो शिवसेना में दो गुट हैं| उद्धव ठाकरे को मशाल का प्रतीक मिला है और सावंत ने बैकग्राउंड में यह ट्वीट किया है|
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