वरिष्ठ अधिकारियों के लापरवाही से IAS बनने से चुके महाराष्ट्र के कई अधिकारी

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का आरोप, आघाडी सरकार का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं

वरिष्ठ अधिकारियों के लापरवाही से IAS बनने से चुके महाराष्ट्र के कई अधिकारी

file photo

 यह चौंकाने वाला है कि राज्य सरकार के अधिकारियों के समय पर न पहुंचने की चलते राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत अधिकारियों को आईएएस का दर्जा देने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इससे मराठी अधिकारी को आईएएस बनने के अवसर से वंचित कर दिया गया। तीन दलों वाली आघाडी गठबंधन सरकार की उदासीनता से मराठी अधिकारियों का नुकसान हो रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने यह मामला उठाते हुए सवाल किया कि मराठी के मुद्दे पर राजनीति करने वाली सत्तारूढ़ शिवसेना का इस बारे में क्या कहना है?

सोमवार को उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत अधिकारियों के पास नामांकन द्वारा आईएएस का दर्जा पाने का मौका है। काम की अच्छी वार्षिक रिपोर्ट वाले अधिकारी परीक्षा और साक्षात्कार के चरणों के माध्यम से आईएएस बन सकते हैं।  इसके लिए राज्य की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने होते हैं और उम्मीदवारों के साक्षात्कार की प्रक्रिया में केंद्रीय अधिकारियों के साथ राज्य के सचिव स्तर के अधिकारियों को भाग लेना होता है। ऐसे ही एक अवसर पर दिसंबर 2021 में राज्य के मुख्य सचिव और दो वरिष्ठ सचिव साक्षात्कार चरण के लिए समय पर नहीं गए और परिणामस्वरूप संबंधित मराठी अधिकारी आईएएस अधिकारी बनने का अवसर चूक गए। अब उन्हें फिर से प्रक्रिया खत्म होने तक इंतजार करना होगा। पाटिल ने कहा कि समस्या यह है कि महाविकास अघाड़ी सरकार असमंजस की स्थिति में है और अधिकारियों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अधिकारियों को आईएएस अधिकारी बनने का अवसर मिले, इसके लिए राज्य सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह केंद्र सरकार को समय पर प्रस्ताव भेजे।  जहां तक ​​हम जानते हैं, ऐसे योग्य अधिकारियों के 2020 के लिए प्रस्ताव 2021 की समाप्ति के बाद भी नहीं भेजे गए हैं।  इतनी देरी के कारण मराठी अधिकारियों को मौका मिलने में देरी हो रही है। इसके लिए जिम्मेदार सचिवों पर महाविकास अघाड़ी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है और अघाड़ी सरकार की उदासीनता का फायदा वरिष्ठ अधिकारी भी उठा रहे हैं।

यदि राज्य से प्रस्ताव समय पर नहीं भेजे जाते हैं या राज्य सचिव परीक्षा के लिए समय पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो हम ही हैं जो आईएएस में मराठीभाषियों का प्रतिशत बढ़ाने का अवसर चूक जाते हैं।  लेकिन मराठी के मुद्दे पर आवाज उठाने वाली शिवसेना को इसकी चिंता नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि  शिवसेना के पास भले ही राज्य के मुख्यमंत्री का पद है इसके बावजूद मराठी अधिकारियों के साथ अन्याय हो रहा है।

ये भी पढ़ें 

बीजेपी नेता आर.एन. सिंह का निधन 

मुंबई: 500 वर्ग फीट तक की आवासीय संपत्तियों पर नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स 

Exit mobile version